सोलन। स्ट्रोक (पक्षाघात) जैसे गम्भीर रोग के सम्बन्ध में व्यापक प्रचार-प्रसार आवश्यक है ताकि सभी इस रोग के कारण और निवारण के विषय में जागरूक बन सकें। पक्षाघात वैश्विक स्तर पर दिव्यांगता का एक प्रमुख कारण है। आंकड़ों के अनुसार 90 प्रतिशत मामलों में इससे बचा जा सकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा श्रम एवं रोज़गार मन्त्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने सोमवार को सोलन में आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए यह बात कही ।
इस राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन अली यावर जंग नेशनल इंस्टीच्यूट आफ स्पीच एवं हियरिंग डिस्एबिलिटीज़ तथा एम.एस. पंवार संचार एवं प्रबन्धन संस्थान, सोलन के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
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उन्होंने कहा कि चिकित्सा जगत के अनुसार स्ट्रोक जैसे रोग में समय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्ट्रोक की स्थिति में रोगी को तुरन्त अस्पताल पहुंचाना आवश्यक है और यदि रोगी को तीन घण्टे के स्वर्णिम समय के भीतर इस रोग के उपचार के लिए उपलब्ध इंजेक्शन लगा दिया जाए तो रोगी को स्वस्थ किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह इंजेक्शन प्रदेश के सभी ज़िला स्तरीय अस्पतालों में निःशुल्क उपलब्ध है।