रांची। झारखंड हाई कोर्ट ने गुरूवार को फैसला लेते हुए एक अक्टूबर से राज्य के सभी सिविल कोर्ट में फिजिकल सुनवाई को लेकर पत्र जारी कर दिया है। कोरोना काल में करीब पिछले दो साल से हाई कोर्ट के साथ-साथ राज्य के तमाम सिविल कोर्ट में जरूरी मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चल रही थी।लेकिन अब इसको लेकर राज्य के वकील और मुवक्किलों के लिए खुशखबरी है। राज्य के सभी सिविल कोर्ट शुक्रवार से दोबारा फिजिकल मोड में काम करेगा।
झारखंड हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल गौतम चौधरी ने 30 सितंबर को पत्र जारी कर न्यायिक आयुक्त रांची सहित झारखंड राज्य के सभी प्रमुख जिला एवं सत्र न्यायाधीश को निर्देश दिया है। रजिस्ट्रार जनरल ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए पत्र के माध्यम से सभी को सूचित किया है कि झारखंड राज्य के सभी जिला न्यायालय और उपमंडल न्यायालय को कोविड-19 प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करते हुए अगले आदेश तक के लिए फिजिकल तरीके से काम शुरू करने का निर्देश दिया है।
झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता धीरज कुमार ने बताया कि राज्य के सभी व्यवहार न्यायालय में फिजिकल कोर्ट शुरू करने के लिए एक अक्टूबर से शुरू करने का निर्णय कोर कमेटी की बैठक में लिया गया है। संभवत हाईकोर्ट में चार अक्टूबर से फिजिकल कोर्ट पर सुनवाई प्रारंभ होने की संभावना है। अभी उसके लिए तैयारियां चल रही हैं। इस संबंध में हाईकोर्ट के रजिस्टार की ओर से एसओपी जारी किया जाएगा। इसमें अधिवक्ता की भी चार सदस्यीय समिति सहयोग करेगी।
उल्लेखनीय है कि पूर्व में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ. रवि रंजन के आदेश के आलोक में राज्य के सभी सिविल कोर्ट और उपमंडल न्यायालय में फिजिकली कामकाज बंद कर दिया गया था और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्य करने का निर्देश दिया गया था।उसके बाद फिर से हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में कुछ मामले का फिजिकल और कुछ मामले पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से काम करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अब पूरी तरह से जिला के सिविल कोर्ट को फिजिकल तरीके से शुरू करने का निर्देश दिया गया है।