New Delhi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने देश की आजादी में दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि डीयू केवल एक विश्वविद्यालय (university) नहीं बल्कि एक आंदोलन है। उन्होंने कहा कि आजादी के अमृतकाल में डीयू (DU) का लक्ष्य भारत को विकसित भारत बनाना होना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को डीयू के शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित किया। उन्होंने डीयू के उत्तरी परिसर में बनने वाले प्रौद्योगिकी संकाय, कंप्यूटर केंद्र और शैक्षणिक ब्लॉक सहित तीन इमारतों की आधारशिला भी रखी। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर दो कॉफी टेबल बुक्स भी लॉन्च कीं।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली विश्वविद्यालय पहुंचने के लिए मेट्रो की सवारी की। यात्रा के दौरान उन्होंने छात्रों से बातचीत भी की। इस बातचीत का जिक्र उन्होंने अपने संबोधन में भी किया। उन्होंने कहा कि वे सूरज के नीचे हर चीज के बारे में बात करेंगे। कौन सी फिल्म देखी? ओटीटी पर वो सीरीज अच्छी है। वो वाली रील देखी या नहीं देखी? चर्चा करने के लिए विषयों का एक महासागर है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब किसी व्यक्ति या संस्था का संकल्प देश के प्रति होता है, तो उसकी उपलब्धियां राष्ट्र की उपलब्धियों के बराबर होती हैं। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली विश्वविद्यालय की शुरुआत हुई थी तब इसके अंतर्गत केवल तीन कॉलेज थे, लेकिन आज इसके अंतर्गत 90 से अधिक कॉलेज हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत जिसे कभी नाजुक अर्थव्यवस्था माना जाता था वह अब दुनिया की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन गया है। यह देखते हुए कि डीयू में पढ़ने वाली महिलाओं की संख्या पुरुषों की तुलना में अधिक है, प्रधानमंत्री ने बताया कि देश में लिंग अनुपात में काफी सुधार हुआ है। उन्होंने एक विश्वविद्यालय और एक राष्ट्र के संकल्पों के बीच अंतसंर्बंध के महत्व पर जोर दिया और कहा कि शैक्षणिक संस्थानों की जड़ें जितनी गहरी होंगी, देश की प्रगति उतनी ही अधिक होगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब दिल्ली विश्वविद्यालय पहली बार शुरू हुआ था तो उसका लक्ष्य भारत की आजादी था, लेकिन अब जब भारत की आजादी के 100 साल पूरे होंगे तो संस्थान के 125 साल पूरे हो जायेंगे, दिल्ली विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारत को ‘विकसित भारत’ बनाना होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा : पिछली सदी के तीसरे दशक ने भारत की आजादी के संघर्ष को नई गति दी, अब नई सदी का तीसरा दशक भारत की विकास यात्रा को गति देगा। प्रधानमंत्री ने बड़ी संख्या में आने वाले विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, आईआईटी, आईआईएम और एम्स का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि ये सभी संस्थान नए भारत के निर्माण खंड बन रहे हैं।