रांची। झारखंड की राजधानी रांची कभी हिल स्टेशन के नाम से मशहूर था लेकिन आज बढ़ती गर्मी ने यहां के लोगों की परेशानी बढ़ा दी है। धीरे-धीरे रांची शहर हीट आइलैंड इफेक्ट के प्रभाव में आ रहा है। बढ़ती आबादी, बढ़ते वाहन और बढ़ती ऊंची इमारतें इस प्रभाव को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। यही कारण है कि रांची का तापमान 40 के पार कर रहा है।
इस संबंध में पर्यावरणविद डॉ. नीतीश प्रियदर्शी ने बताया कि समुद्रतल से रांची की ऊंचाई औसतन 600 मीटर है, जिसके चलते मैदानों की तुलना में बादल यहां कम ऊंचाई पर ही बनते हैं। अब रांची शहर में ऊंची इमारतों से उठती गर्म हवा इन बादलों को शहर के बाहर धकेल रही है। इस वजह से रांची के आसपास के इलाकों में तो बारिश हो रही है लेकिन शहर बारिश से वंचित है।
रांची शहर के आसपास नंगे पहाड़ों की वजह से भी गर्म हवा ऊपर उठ रही है। यही नहीं, बढ़ते शहरीकरण की वजह से यहां की मिट्टी या तो दब गई है या तो ठोस हो गई है और वो सारी गर्मी को वापस वातावरण में लौटाकर गर्मी को बढ़ा रही है। ये सभी कारण राजधानी के मौसम में आए बदलाव का कारण बन रहे हैं। समय रहते इस ओर ध्यान नहीं दिया गया तो हालात और बिगड़ते चले जाएंगे। इसके लिए आम लोगों को भी चिंता करने की जरूरत है।
रांची शहर की अपनी जलवायु है, जो यहां की ऊंची इमारतों की वजह से प्रभावित हो रही है। गर्म हवाएं इनमें फंसकर ऊपर उठकर बादलों को धकेल देती हैं। दूसरी ओर ये इमारतें गर्म हवाओं को रोक कर शहर को धीरे-धीरे गर्म करती हैं। अगर हरियाली होती तो शायद बादल संघनित होकर बरसते और गर्मी उतनी महसूस नहीं होती। आज भी रांची जिले के जिन हिस्सों में अधिक हरियाली है वहां सामान्यत: कम तापमान रहता है।
मेन रोड, अपर बाजार, हिंदपीढ़ी, रातू रोड, सर्कुलर रोड, पिस्का रोड, कोकर, डोरंडा आदि जगह ज्यादा गर्म हो रहे हैं। इन जगहों पर ऊंची इमारतों का होना एवं हरियाली का कम होना अहम वजह है। जब तक शहर में हरियाली रही एवं ऊंची इमारतें कम थीं, तब तक यहां के लोग हीट आइलैंड इफेक्ट से बचे रहे। इससे इतर, जिस तरह से आबादी, वाहन एवं ऊंची इमारतें बढ़ी हैं गर्मी का प्रभाव भी बढ़ा है।
ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस बढ़ती हुई गर्मी से सतही जल भी सूख गया है। बादल बनने की प्रक्रिया धीमी हो गई है। पूर्व में जब तक सतही जल कुछ मात्रा में उपलब्ध था, तब तक मार्च अप्रैल में वर्षा हुई, लेकिन अब जो भी बादल बन रहे हैं वो कमजोर है।
तपती गर्मी के बीच मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने राहत भरा पूर्वानुमान जारी किया है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे में संभावना जाहिर की है कि अगले 24 घंटे में राज्य के कई हिस्से में बारिश हो सकती है। इससे गर्मी से थोड़ी राहत मिलेगी। पलामू और कोल्हान में अधिकतम का पारा 43 डिग्री के आंकड़े को पार कर रहा है। राज्य के ज्यादातर जगहों पर गर्म हवा औ लू चल रही है। अब 9 बजे से लेकर 4 बजे तक घर से निकलना मुश्किल हो रहा है।
मौसम विभाग ने भी इस मौसम में सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। रांची का अधिकतम तापमान 39.9 डिग्री और न्यूनतम 27.0 डिग्री रहा। जमशेदपुर का अधिकतम तापमान 42.8 और मेदिनीनगर का 42.5 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया है। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि इस साल झारखंड में मानसून भी देरी से प्रवेश करेगा।