दुमका। अभाविप का तीन दिवसीय जनजातीय छात्र जुटान कार्यक्रम के दूसरे दिन गुरूवार को ध्वजारोहण एवं प्रदर्शनी उद्घाटन हुआ। मूसलधार बारिश में संपूर्ण झारखंड से 1878 छात्रों ने संथाल परगना वीर सिदो कान्हू चांद भैरव की धरती पर जनजाति समाज के मंथन के लिए जुटे हैं। जुटान के मुख्य केंद्र फूलों जानों प्रदर्शनी कक्ष का उद्घाटन अभाविप राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री प्रफुल्ल अकांत एवं अखिल भारतीय जनजाति प्रमुख जे राममोहन ने किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रख्यात चिंतक अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री सुनील आंबेकर ने कहा कि जुटान में आने वाले लोग बारिश एवं तूफान से डरने वाले नहीं हैं। उससे भी आगे बढ़कर जो मन में ठान लिया है उसके लिए तैयार हैं। जनजातियों की जीवंत समृद्ध परंपरा, उनकी आकांक्षाओं को सम्मिलित करने से ही समाज का विकास होने की बात कही। संरक्षण के नाम पर अलग थलग दायरे में न बांधे जनजातीय समुदायों को आज जब हम पर्यावरण सम्मत विकास प्रणाली को खोज रहे हैं। उन्होंने कहा कि ध्यान से देखें तो प्रकृति और उसके रुपों के प्रति आदर का संस्कार हर स्थानीय समाज में पाया जाता है। पूजा पद्धति भिन्न हो सकती है, लेकिन प्रकृति और पर्यावरण के प्रति आदर का भाव हर जनजातीय समुदाय में समान है।
मौके पर क्षेत्रीय संगठन मंत्री निखिल रंजन, प्रदेश संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, डॉ पंकज कुमार, श्रवण कुमार सिंह, जुटान के संयोजक मनोज सोरेन सहित व्यवस्था में लगे दुमका के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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