रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हस्तक्षेप के बाद ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 प्रवासी कामगारों की वतन वापसी सुनिश्चित हो गई है। साथ ही, उनका बकाया पारिश्रमिक का भुगतान भी प्रारंभ हो गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से सोमवार को इसकी जानकारी दी गयी है।
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झारखंड के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कंपनी लार्सेन एंड टुब्रो लिमिटेड ने कामगारों को अब तक 30 लाख रुपये का भुगतान किया है और सभी कामगारों की हवाई टिकट की व्यवस्था कर दी है। ये सभी प्रवासी 4, 5 और 6 नवंबर को भारत लौटेंगे। मुख्यमंत्री को इन प्रवासियों के फंसे होने की जानकारी ट्विटर के माध्यम से मिली थी। उसके उन्होंने तुरंत मामले को राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष को भेजा था।
प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, ये कामगार हजारीबाग (19), गिरिडीह (14) और बोकारो (15) जिला के निवासी हैं, जो पीसीएल प्रेम पावर कंस्ट्रक्शन लिमिटेड में कार्यरत थे। पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिलने के कारण वे आर्थिक संकट में थे। राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने भारत सरकार और कंपनी के सहयोग से त्वरित कार्रवाई की, जिससे अब उनकी सुरक्षित घर वापसी और वेतन भुगतान दोनों संभव हो सका है।



