रांची। झारखंड में बनानेवाला एशिया का सबसे बड़ा सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रिम्स-टू को एशियन डेवलपमेंट बैंक से 1000 करोड़ रुपए की सहायता राशि मिलेगी।
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परियोजना के वित्तीय ढांचे को लेकर अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने शुक्रवार की प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए यह जानकारी दी।
सचिव अजय ने बताया कि एशियन डेवलपमेंट बैंक से 1000 करोड़ रुपए का वित्तीय सहयोग प्राप्त होगा। जबकि शेष राशि राज्य योजना मद से व्यय की जाएगी। अस्पताल की डिज़ाइन और निर्माण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और शीघ्र ही इसका भूमिपूजन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद झारखंड न केवल पूर्वी भारत बल्कि पूरे देश का प्रमुख हेल्थकेयर हब और मेडिकल टूरिज्म डेस्टिनेशन बनेगा। यह न सिर्फ़ झारखंडवासियों के लिए बल्कि पूरे देश के मरीजों के लिए आशा की एक नई किरण साबित होगा।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य के मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह के साथ दिल्ली के फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल का दौरा कर वहां की चिकित्सा, प्रबंधन और शोध क्षमताओं का गहन अध्ययन किया। उसी आधार पर रिम्स-टू को अमृता मॉडल पर विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री से मिलकर तमाम बातें बताई गई।
मौके पर भवन निर्माण विभाग के सचिव अरवा राजकमल और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
इधर, स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह केवल एक अस्पताल नहीं, बल्कि झारखंड की चिकित्सा व्यवस्था को वैश्विक मंच पर ले जाने वाला परिवर्तनकारी कदम है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यह परियोजना तीव्र गति से क्रियान्वित होगी। उन्होंने कहा कि हम मुख्यमंत्री के सपनों को धरातल पर उतार रहे हैं। जो कार्य पिछले 20 वर्षों में नहीं हो सका, उसे अब झारखंड में हकीकत बनाया जा रहा है। आने वाले समय में रिम्स-टू पूरे देश के लिए स्वास्थ्य सेवा का नया मानक बनेगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दूरदर्शी नेतृत्व और स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी की पहल पर यह संभव हुआ है।
उन्होंने कहा कि रांची में बनने वाला 2600 बेड के इस विश्वस्तरीय अस्पताल एक साथ सभी मल्टी-सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं उपलब्ध कराएगा, जो झारखंड को देश के मेडिकल टूरिज्म हब के रूप में स्थापित करेगा।
रिम्स-2 की प्रमुख विशेषताएं
रिम्स-2 की प्रमुख विशेषताओं में 2600 बेड की क्षमता वाला अत्याधुनिक इंटीग्रेटेड सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कार्डियोलॉजी, ऑन्कोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, ऑर्थोपेडिक्स जैसी सभी सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं, मेडिकल कॉलेज, नर्सिंग और पैरामेडिकल संस्थान, डॉक्टर्स क्वार्टर, हॉस्टल, स्टेडियम, अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर एवं टेलीमेडिसिन यूनिट की व्यवस्था, मरीजों को एक ही परिसर में संपूर्ण उपचार और शिक्षण सुविधाएं सहित अन्य सुविधाएं शामिल हैं।
बैठक में मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, भवन निर्माण विभाग के सचिव अरवा राजकमल और पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार मौजूद थे।