Rohtak। मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) केवल सामान्य नाम नहीं हैं, बल्कि वे देश की आजादी की पूरी कहानी हैं। उन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पराक्रम की मूर्ति की संज्ञा देते हुए कहा कि उन्होंने देशवासियों में आजादी की लौ तथा आत्मविश्वास जागृत किया। नर्म और गर्म दल के नेताओं ने मिलकर अंग्रेजों की चूलें हिला दी। यह बात उन्होंने मंगलवार को राजकीय स्नातकोत्तर महिला महाविद्यालय में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 128वीं जयंती के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) की स्मृति में अनेक कार्य किए है। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाना शुरू किया तथा गणतंत्र दिवस की तैयारी भी 23 जनवरी से शुरू करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) ने आजाद हिंद फौज की स्थापना कर हजारों नौजवानों को देश की आजादी के लिए संगठित किया। गर्म दल के नेताओं ने लम्बे संघर्ष के बाद देश को आजाद करवाया, वहीं नर्म दल के नेताओं विशेषकर महात्मा गांधी ने असहयोग आन्दोलन चलाकर संघर्ष का बिगुल बजाया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने ही सर्वप्रथम महात्मा गांधी के लिए राष्ट्रपिता की उपाधि की बात की थी। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज का गठन किया। रोहतक सहित पूरे प्रदेश के जवानों ने जज्बे के साथ नेताजी के साथ जुडक़र इस फौज में भर्ती हुए। उन्होंने कहा कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Netaji Subhash Chandra Bose) ने व्यक्तिगत भावना की बजाये अंतरात्मा की आवाज सुनकर आईसीएस की नौकरी छोड़ दी तथा देश सेवा को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा कि देश में संत-महापुरुषों ने समय-समय पर अवतरित होकर लोगों को जागृत किया है। सरकार द्वारा संत-महापुरुषों के विचारों को घर-घर पहुंचाने के लिए संत महापुरुष सम्मान एवं विचार प्रसार योजना क्रियान्वित की जा रही है।