भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि रोटी, कपड़ा और मकान जैसी मूलभूत आवश्यकताओं के अलावा भी ऐसी जरूरतें होती हैं, जिनके लिए पैसा जरूरी होता है। प्रसूति, बीमारी, दिव्यांगता और किसी अपने को खो देने जैसे मुश्किल समय में कई बार हम स्वयं को असहाय महसूस करते हैं। संबल योजना ऐसे ही मुश्किल वक्त में जरूरतमंद के आंसू पोछती है और उनको सहारा प्रदान करती है। राज्य सरकार प्रदेश के गरीब और श्रमिक वर्ग के कल्याण तथा उनका भाग्य बदलने के लिए दृढ़ संकल्पों के साथ कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प की भावना के अनुरूप अंत्योदय के कल्याण के संकल्प को प्रदेश में क्रियान्वित किया जा रहा है।
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मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार को मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के अंतर्गत प्रदेश के 23 हजार से अधिक श्रमिक परिवारों के खातों में 550 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक से अंतरित करने के बाद परिवारों को मंत्रालय से वर्चुअली संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने पांच हितग्राहियों से वर्चुअली बातचीत कर उनके परिजन के अवसान पर संवेदनाएं प्रकट की। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल वर्चुअली शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों, नगर निगमों, नगर परिषद और ग्राम पंचायतों के हितग्राही और जनप्रतिनिधि भी वर्चुअली जुड़े। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का पौधा भेंटकर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने प्रदेश के श्रमिक परिवारों का अभिवादन करते हुए कहा कि परिश्रम से अपने और अपने परिवार का जीवन चलाने वाले श्रमिक ही प्रदेश के विकास की नींव हैं। परिश्रम से ही हमारी प्रतिभा निखरती है और आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य का मार्ग भी बनता है। राज्य सरकार ने जरूरतमंद बच्चों की पढ़ाई के लिए पर्याप्त व्यवस्था की है। पढ़ाई में अच्छा कर रहे विद्यार्थियों को स्कूटी और लेपटॉप देकर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है। राज्य सरकार का प्रयास है कि सभी प्रदेशवासियों का जीवन बेहतर हो। हर परिवार में सुख के सूरज का उदय हो और आनंद और वैभव के साथ सभी जीवन व्यतीत करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि राज्य सरकार शुचिता- पारदर्शिता और दक्षता के साथ जनकल्याण और विकास के लिए कार्य कर रही है। इसी क्रम में संबल योजना का बैकलॉग भी समाप्त किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि संबल योजना में अब तक 6 लाख 58 हजार से अधिक परिवारों को 5 हजार 927 करोड़ रुपये से अधिक के हितलाभ दिए जा चुके हैं। राज्य सरकार ने गिग और प्लेटफार्म वर्कर्स को असंगठित श्रमिक मानते हुए 01 मार्च 2024 से उन्हें संबल योजना में उन्हें शामिल करने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री मोदी की पहल पर सभी संबल हितग्राहियों को आयुष्मान भारत निरामय: योजना में शामिल किया गया है। गरीब बहनों को गर्भावस्था के समय काम पर न जाना पड़े और उन्हें पोषण भी मिलता रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने ऐसी बहनों को 16 हजार रुपये देने की व्यवस्था की है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में विभिन्न जिलों से जुड़े संबल योजना के हितग्राहियों से वर्चुअली चर्चा की। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में जुड़े सभी हितग्राहियों से लाड़ली बहना योजना, आयुष्मान योजना, खाद्यान्न पर्ची, उज्जवला योजना जैसी सभी कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ने का आहवान किया।
जरूरतमंदों की जरूरत के समय मदद करती है संबल योजना : मंत्री पटेल
श्रम, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का योजना के क्रियान्वयन में पूर्ण सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना वर्ष 2018 में प्रारंभ हुई थी। सरकार की यह योजना जरूरतमंदों की मदद करने वाली योजना है। योजना के प्रारंभ से अब तक 5 हजार 927 करोड़ रुपए का लाभ हितग्राहियों को मिल चुका है। उन्होंने कहा कि योजना में अनुग्रह सहायता योजना अंतर्गत श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु होने पर 4 लाख रुपए की राशि, सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपए की राशि दी जाती है। स्थाई अपंगता पर 2 लाख रुपए एवं आंशिक स्थाई अपंगता पर 1 लाख रुपए की राशि श्रमिक परिवारों को दी जाती है। मंत्री पटेल ने कहा कि आज 23 हजार 162 प्रकरणों में श्रमिक परिवारों को 505 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के मार्गदर्शन में योजना का बैकलॉग खत्म किया जा रहा है। आज के कार्यक्रम में कई जिले ऐसे हैं जहां हितग्राहियों को 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि दी जा रही है। उन्होंने कहा कि औसतन प्रति माह 3.5 हजार प्रकरणों का निराकरण संबल योजना के तहत किया जाता है।