खूंटी। शहर और आसपास के क्षेत्रों में स्कूली बच्चों की सुरक्षा से खिलवाड़ आम बात बन गई है। कई ऑटो चालक बच्चों को भेड़-बकरियों की तरह ठूंस-ठूंस कर स्कूल ले जाते हैं। एक ही ऑटो में 15 से 18 तक बच्चे बैठा दिए जाते है। इससे कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। इसे लेकर न तो चालकों को डर है, न ही अभिभावक सजग हैं।
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अक्सर देखा जाता है कि ऑटो में बच्चों के बैठने की जगह नहीं होती, फिर भी चालक सवारियाें को बैठाने से बाज नहीं आते हैं। कई बच्चे ऑटो या अन्य वाहनों के गेट पर लटककर सफर करने को विवश रहते हैं। पुलिस और परिवहन विभाग की ओर से समय-समय पर जांच की बात कही जाती है, लेकिन हकीकत में कार्रवाई नगण्य के बराबर होती है। वहीं इसपर अभिभावकों की लापरवाही भी कम नहीं है। सुविधा और खर्च बचाने के चक्कर में वे अपने बच्चों की जान जोखिम में डाल देते हैं। ऐसे में यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं हुआ तो किसी भी दिन बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता है।
बच्चों की सुरक्षा से हो रहे खिलवाड़ के सम्बन्ध में पूछे जाने पर खूंटी के सड़क सुरक्षा प्रबंधक निशांत रोशन ने कहा कि परिवहन विभाग के संज्ञान में ओवरलोडिंग की बात है और ऐसे ऑटो चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मामले पर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रवि मिश्रा ने इस पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि ऑटो चालक चंद पैसों की लालच में बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं, प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।