स्वदेश संवाददाता
इचाक। जीएम संधकालीन महाविद्यालय इचाक में राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को विभिन्न प्रकार की शिक्षा व्यवस्था, शिक्षा का प्रबंधन, शिक्षा में गुणवत्ता एवं वर्तमान नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप विभिन्न पाठ्यक्रमों एवं व्यक्तिगत जीवन में शिक्षा का उपयोग के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। महाविद्यालय प्रभारी पंकज कुमार ने छात्रों को शिक्षा के और साक्षर होने के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षा, जीवन की वह कुंजी है जो हमें प्रत्येक परिस्थिति से निकलने एवं उबरने तथा संघर्ष करने की क्षमता का विकास करती है। विद्यार्थियों को आधारभूत शिक्षा के बारे में कई पहलुओं एवं उदाहरण के साथ साक्षरता के बारे में अवगत कराये। सभी शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने संकल्प लिए और एक सुर में कहा कि समाज के प्रति हमारा दायित्व है की प्रत्येक नागरिक को हम साक्षर बनाएंगे। विद्यार्थियों ने भी अपना विचार दिए जिसमें मुस्कान कुमारी,रुचिका कुमारी, प्रिया कुमारी मंच संचालन नैना कुमारी ने किया। शिक्षक संजीत कुमार ने कहा की साक्षरता का मतलब शिक्षित होने की क्षमता होती है, जिससे व्यक्ति समाज में अधिक सकारात्मक योगदान कर सके। यह दिन साक्षरता को बढ़ावा देने, अनपढ़ता को कम करने और शिक्षा के महत्व को जागरूक करने का मंच है। साक्षरता के माध्यम से ही समाज में सामाजिक और आर्थिक विकास संभव होता है। सभी शिक्षकों ने भी आपने अपने विचार रखे जिसमे संगम कुमारी, प्रनत कुमार दास, राजकुमार दास, दीपक प्रसाद, रियाज अहमद, आशीष कुमार पांडेय सभी ने कहा कि हमारा भारत तभी एक विकसित देश के रूप में उभर कर सामने आएगा जब 100 प्रतिशत साक्षरता दर होगी।
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