Ranchi। झारखंड में कृषि विभाग दस बीज ग्राम की स्थापना करेगा। इसका उद्देश्य उन्नत बीज के साथ-साथ राज्य में बीज की कमी को पाटना है। इसके लिए पश्चिम सिंहभूम, चतरा और लातेहार के दस गांव के साथ गुरुवार को एमओयू किया गया।
यह भी पढ़े: शेयर बाजार में लगातार चौथे दिन कमजोरी, बड़ी गिरावट का शिकार हुए सेंसेक्स और निफ्टी
रांची के हेसाग स्थित पशुपालन भवन में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय समीक्षा के बाद ये जानकारी दी। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि राज्य में अच्छे बीज की हमेशा से कमी रही है। इसके साथ ही डिमांड के अनुरूप राज्य में बीज उपलब्ध नहीं हो पाता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए कृषि विभाग ने 10 अलग -अलग गांव को बीज ग्राम के तौर पर विकसित करने का निर्णय लिया है। किसानों के जरिये तैयार बीज को खुद सरकार खरीदने का काम करेगी। फिर उस बीज को राज्य के किसानों के बीच तय सब्सिडी दर पर वितरित किया जाएगा। पशुपालन भवन में समीक्षा के दौरान मडुवा का उत्पादन करने वाले राज्य के 1400 किसानों के खाते में डीबीटी के माध्यम से राशि हस्तांतरित की गई। राज्य सरकार मडुवा की खेती करने वाले किसानों को तीन हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से राशि का भुगतान करती है। विभाग के जरिये पंचायत स्तर पर इसकी मैपिंग की जाती है।
मंत्री ने कहा कि विभाग एफपीओ को मजबूत करने में जुटा है। इसी क्रम में लोहरदगा के एफपीओ को 15 लाख रुपये की राशि प्रदान की गई। समीक्षा बैठक के दौरान केंद्र और राज्य सरकार के जरिये संचालित योजनाओं पर चर्चा हुई। मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने योजनाओं को गति देने को लेकर अधिकारियों को कई तरह के दिशा-निर्देश भी दिए।