नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्रायल कोर्ट के उस फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया, जिसमें जामिया मिलिया इस्लामिया में दंगे कराने के आरोपियों को बरी किया गया था। दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में बरी किए गए 11 में से 9 लोगों को फिर से आरोपी बनाया है। इनमें सफूरा जरगर, शरजील इमाम, आसिफ इकबाल तनहा, मोहम्मद कासिम, महमूद अनवर, शजर रजा, उमैर अहमद, मोहम्मद बिलाल नदीम और चंदा यादव शामिल हैं।
दिसंबर 2019 में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 11 लोगों को आरोपी बनाया था। इन लोगों पर हिंसा, गैरकानूनी रूप से इकट्ठा होने, पब्लिक सर्वेंट्स का रास्ता रोकने और कई अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है। ट्रायल कोर्ट ने 4 फरवरी को सभी 11 लोगों को हिंसा के मामले से बरी कर दिया था। इसके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा ने फैसला सुनाते हुए कहा कि ‘अभिव्यक्ति की आजादी से किसी को नहीं रोका जाता है, लेकिन कोर्ट अपनी जिम्मेदारी से वाकिफ है और कोर्ट ने इसी बात को ध्यान में रखकर मामले में फैसला देने की कोशिश की है। शांति से बैठक करने का अधिकार पर भी पाबंदी लगाई जा सकती है। संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और शांति भंग किए जाने का कोर्ट बचाव नहीं करता।