Ranchi| रिम्स के कार्डियोथोरेसिक विभाग में बीटिंग हार्ट कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। मरीज विजय कुमार, जो पिछले कुछ दिनों से गंभीर सीने के दर्द से परेशान थे, बिहार के औरंगाबाद से कार्डियक इमरजेंसी में आए थे। उन्हें तीव्र हृदयाघात (एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम) हुआ था। उनकी कोरोनरी एंजियोग्राम की गई, जिसमें ट्रिपल वेसल कोरोनरी आर्टरी डिजीज का पता चला। शुरुआत में उन्हें दवाओं से स्थिर किया गया और फिर सीएबीजी (CABG) की योजना बनाई गई।
रिम्स की अमृत फार्मेसी से आयुष्मान योजना के तहत बीटिंग हार्ट बायपास सर्जरी के लिए आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई। इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के बाद मरीज विजय कुमार की स्थिति में सुधार हो रहा है और उन्हें कार्डियोथोरेसिक इंटेंसिव केयर यूनिट से रिकवरी वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा। यह सर्जरी आयुष्मान योजना के तहत पूरी तरह नि:शुल्क की गई, जिसके लिए मरीज और उनके परिवार के सदस्य कार्डियोथोरेसिक विभाग के डॉक्टरों और स्टाफ के प्रति अत्यंत आभारी हैं। उन्होंने रिम्स प्रशासन को भी धन्यवाद दिया है।
इस सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाली टीम का नेतृत्व डॉ. राकेश चौधरी ने किया, जिनके साथ डॉ. अंशुल कुमार, ओटी असिस्टेंट राजेंद्र और खुशबू थे। कार्डिएक एनेस्थीसिया टीम का नेतृत्व प्रोफेसर शिव प्रिय, डॉ. नितीश कुमार और कई रेजिडेंट डॉक्टरों ने किया। कार्डिएक पर्फ्यूज़निस्ट अमित कुमार सिंह, सीटीवीएस ओटी इंचार्ज सिस्टर सुनीता, कार्डियोथोरेसिक आईसीयू इंचार्ज सिस्टर प्रिसिला, सीटीवीएस ओपीडी इंचार्ज सिस्टर रीना और फ्लोर स्टाफ प्रीति और सूरज ने भी मरीज की त्वरित देखभाल में योगदान दिया।
डॉ. राकेश चौधरी ने बताया कि हाल ही में कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में 580 से अधिक बड़ी ओपन हार्ट और कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी पूरी की गई हैं। साथ ही विभाग की शुरुआत से अब तक 1100 से अधिक थोरैसिक और वास्कुलर सर्जरी की जा चुकी हैं। विभाग नियमित रूप से कोरोनरी आर्टरी बायपास सर्जरी, वॉल्व सर्जरी, साधारण और जटिल जन्मजात हृदय सर्जरी, एओर्टिक सर्जरी के साथ-साथ थोरैसिक और वास्कुलर सर्जरी भी कर रहा है। विभाग हर महीने औसतन 20 कार्डियक केस करता है, जिसमें हर सप्ताह 5 केस होते हैं। इसी तरह थोरैसिक और वास्कुलर सर्जरी की भी समान संख्या है। विभाग यदि ओटी और आईसीयू स्टाफ की पूरी टीम प्राप्त कर लेता है तो यह संख्या बहुत जल्द दोगुनी हो सकती है।
रिम्स झारखंड का एकमात्र सरकारी अस्पताल है, जो कार्डियोथोरेसिक और वास्कुलर सर्जरी की सुविधा प्रदान करता है। यहां झारखंड के साथ-साथ छत्तीसगढ़, ओडिशा, बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी उत्तर प्रदेश जैसे पड़ोसी राज्यों से भी मरीज आते हैं। विभाग हर मरीज की जरूरत को पूरा करने और हर दिन जान बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। विभाग जल्द ही रिम्स में मिनिमल इनवेसिव कार्डियक सर्जरी और जटिल बाल और नवजात कार्डियक सर्जरी शुरू करेगा। विभागाध्यक्ष (एचओडी) प्रो. पंकज बोडरा और रिम्स के निदेशक को धन्यवाद देते हुए विभाग के 600 कार्डियक केस पूरे होने पर अगले महीने कार्डियक हेल्थ अवेयरनेस सप्ताह मनाने की घोषणा की गई है।