रांची। संतोष कॉलेज ऑफ टीचर्स ट्रेनिंग एण्ड एजुकेशन, तुपुदाना (रांची) द्वारा ‘नई शिक्षा नीति 2020’ विषय पर तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन ऑनलाइन किया गया।
कार्यशाला में मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान जयंतो मुखर्जी, चीफ ऑफिसर, मार्केटिंग, कम्युनिकेशन एंड मीडिया स्कूल, मुंबई उपस्थित थे।
कार्यशाला का पहला दिन
- पहले दिन के उद्घाटन सत्र में संस्थान की निदेशिका डॉ रश्मि ने अपने उद्बोधन में कहा कि नई शिक्षा नीति भारतीय पुरातन संस्कृति को पुनर्स्थापित करती है एवं शिक्षा के सार्वभौमिक पहुंच को साकार करती है।
- उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा मात्र शब्द या अंक का ज्ञान कराना नहीं बल्कि व्यक्ति के जीवन से संबंधित सभी पक्षों का संतुलित विकास करना है।
- भारत की गौरवशाली शिक्षा परंपरा का अनुकरण करके एक बार पुनः भारत को विश्व गुरु बनाया जा सकता है।
- कार्यशाला के पहले दिन के संबोधन में श्रीमान जयंतो ने विद्यालय शिक्षा पर विस्तृत प्रकाश डाला।
- उन्होंने शिक्षा के ढांचागत परिवर्तन को मनोवैज्ञानिक बताया।
- हर उम्र एवं अवस्था के अनुसार शिक्षा को लचीला, रचनात्मक एवं अन्वेषण से जोड़ने की बात कही।
- आरंभिक बाल्यावस्था की देखभाल एवं शिक्षा पर बल देने की बात कही।
कार्यशाला का दूसरा दिन
- दूसरे दिन उच्चतर शिक्षा एवं व्यवसायिक शिक्षा के विभिन्न आयामों को नई शिक्षा नीति के आलोक में समझने का प्रयास किया गया।
- इस संदर्भ में श्रीमान जयंतो ने भारत के उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) के कार्य प्रणाली के बारे में बताया।
- उच्चतर शिक्षा में भविष्य उन्मुख दृष्टिकोण, संस्थागत पुनर्गठन, बहु विषयक शिक्षा, सीखने के लिए अनुकूल वातावरण, सक्षम संकाय गठन, समता और समावेश शिक्षक शिक्षा एवं शोध प्रवृत्ति जैसी बिंदुओं को सरल उदाहरणों से समझाया।
- उन्होंने महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालयों को प्रभावी शासन एवं नेतृत्व एवं शिक्षा के नियामक प्रणाली में आमूलचूल परिवर्तन करने की बात कही।
कार्यशाला के तीसरे दिन नई शिक्षा नीति की अन्य केंद्रीय विचारणीय मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।
इस अवसर पर श्री जयंतो ने प्रौढ़ शिक्षा, भारतीय भाषाओं, कला व संस्कृति के संवर्धन, प्रौद्योगिकी का उपयोग एवं एकीकरण, ऑनलाइन व डिजिटल शिक्षा के विचार को स्पष्ट किया एवं अंत में नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन की रणनीति को समझाने का प्रयास किया।
तीसरे दिन
- तीन दिवसीय कार्यशाला का समापन प्राचार्या डॉ. शुभ्रा ठाकुर के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
- तीन दिवसीय कार्यशाला के आयोजन में उप निदेशिका डॉ अदिति की केंद्रीय भूमिका रही।
- कार्यक्रम का संचालन हेमंत कुमार व तकनीकी सहयोग कुंदन कुमार ने दी।
- इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी व्याख्याता गण एवं प्रशिक्षु शिक्षक सहित 200 प्रतिभागियों ने प्रतिभागिता की।
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