Chandigarh। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल (Chief Minister Manohar Lal) ने कहा कि आज उनके लिए बहुत ही प्रसन्नता का विषय है कि केन्द्र सरकार ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामी नाथन को भारत रत्न से सम्मानित करने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को नई दिल्ली में मीडियाकर्मियों बात कर रहे थे। मनोहर लाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने सोशलमीडिया के जरिए देश की जनता को पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, कृषि वैज्ञानिक डॉ एमएस स्वामीनाथन और पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (Former Prime Minister PV Narasimha Rao) को भारत रत्न से सम्मानित करने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि इन तीनों विभूतियों ने देश के निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाई है। इन तीनों विभूतियों को भारत रत्न देने के निर्णय पर वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और केन्द्र सरकार काे धन्यवाद देते हैं। इस मौके पर उन्होंने किसान बंधु, कृषि वैज्ञानिक और देश की धारा में लोकतान्त्रिक व्यवस्थाओं का पालन करने वाले जनमानस को बधाई व शुभकामनाएं दीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (Former Prime Minister PV Narasimha Rao) ऐसे प्रधानमंत्री रहे हैं, जिन्होंने तत्कालीन प्रतिपक्ष नेता अटल बिहारी वाजपेयी को यूएनओ में भेजा था, जो सराहनीय कदम रहा है। इसी प्रकार, पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह हमेशा किसानों के हितों की लडाई लडते रहे। कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन ने कृषि को किसान के लिए उपयोगी, लाभकारी और आधुनिक कृषि के माध्यम से किसानी को लाभप्रद बनाया जाए, इन विषयों पर डॉ. स्वामीनाथन ने बहुत काम किया है। उन्होंने कहा कि इन सभी का योगदान समाज को दिशा देने और देश को आगे बढ़ाने के लिए रहा है।
आगामी 20 फरवरी से शुरू होने वाले हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘विपक्ष के इस ब्यान को उन्होंने पढ़ा है लेकिन इससे पहले भी वे (विपक्ष) अविश्वास प्रस्ताव लाए थे तो उन्होंने विपक्ष को चुनौती दी थी कि जब भी कोई सत्र आए तो वे जरूर अविश्वास प्रस्ताव लाए ताकि हमारी सरकार के किए गए कार्यों को वे सुन सकें अन्यथा वे किसी भी सत्र में केवल बोलते हैं, सुनते नहीं है। अविश्वास प्रस्ताव वाला सत्र ऐसा होता है, जिसमें स्वभाविक तौर से विपक्ष को सुनना भी पड़ता है।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 16 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रेवाडी एम्स का शिलान्यास करेंगे। यह योजना बहुत वर्षों से भूमि और वन विभाग की स्वीकृतियों के कारण से अधर में लटकी थी लेकिन अब रेवाड़ी एम्स की स्थापना को लेकर रास्ता साफ हो गए है। वन विभाग से स्वीकृतियां और पंचायत के भूमि दिए जाने के उपरांत टैंडर कर दिये गये हैं।