चंडीगढ़। पंजाब में कर्ज के मुद्दे पर छिड़े घमासान को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राज्यपाल को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल के दौरान 50 हजार करोड़ की बजाए 47 हजार करोड़ रुपये का कर्ज लिया है। इस मामले को लेकर पंजाब के राज्यपाल व मुख्यमंत्री के बीच कई माह से पत्राचार चल रहा है।
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री ने 21 सितंबर को पत्र लिखकर राज्यपाल से मांग की थी कि वह केंद्र की तरफ अटके 5637 करोड़ की आरडीएफ रिलीज राशि पंजाब को जारी करवाने में हस्तक्षेप करें। इसके बाद राज्यपाल ने पत्र लिखकर कहा था कि मुख्यमंत्री अब तक ली गई कर्ज की राशि और खर्च का ब्यौरा दें, जिसके आधार पर वह केंद्र से बात करेंगे।
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मंगलवार को लिखे पत्र में भगवंत मान ने बताया कि 50 हजार करोड़ नहीं बल्कि 47 हजार करोड़ का कर्जा लिया है। जिसमें से पुरानी सरकारों के कर्ज के बदले करीब 27 हजार करोड़ का ब्याज चुकाया गया है। इसके अलावा पावर सब्सिडी, सरकारी स्कीमों का भी इसमें जिक्र किया गया है। इसमें कर्ज आदि के बकाये के बारे में भी जानकारी दी गई है। मुख्यमंत्री ने गवर्नर को यह भी बताया कि पिछली सरकारों ने तीन लाख करोड़ का कर्ज लिया था।
भगवंत मान ने राज्यपाल को बताया कि 27,016 करोड़ रुपये सिर्फ कर्जे के ब्याज के रूप में जा रहा है, जो आआपा की सरकार को विरासत में मिला है। गवर्नर को लिखा कि इस डिटेल से आप समझ पाएंगे कि आपकी सरकार विरासत में मिले कर्ज के चैलेंज से किस तरह जूझ रही है। इससे आप प्रधानमंत्री को कनवेंस कर पाएंगे कि पंजाब में सरकार कर्जे का सही यूज कर रही है।