हजारीबाग| हजारीबाग कांग्रेस पार्टी के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल चिकित्सा एवं प्रोफेशनल अध्यक्ष डॉक्टर आरसी प्रसाद मेहता ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था मे धोर अभाव, एवं लापरवाही है।
- बीमारी को पहचानने में देरी, कोविड टेस्ट का 10 दिन तक रिपोर्ट नहीं आना
- बीमारी को स्वीकार करने में देरी, अन्य बिमारियो का बहाना मारना, अव्यवस्था के कारण इलाज शुरू करने में देरी करना
- लक्षण होने के बावजूद टेस्ट रिपोर्ट का इंतजार करना और तुरंत इलाज शुरू नही करना, बीमारी की गंभीरता को समझने में देरी।
- दवाइयों से डर के कारण सारी दवाइयां खाने के बजाय आधी अधूरी दवाइयां खाना। पांचवे या छठे दिन तबियत ज्यादा खराब होने पर भी सी टी और ब्लड टेस्ट नहीं कराना।
- दूसरे स्टेज का ट्रीटमेंट (स्टीरॉयड) छठे दिन से शुरू नही करना और इसमें देरी करना Steroid की अपर्याप्त डोज लेना। साथ में anticoagulent (खून पतला करने और खून में थक्का बनाने से रोकने की दवा) न लेना।
- ऑक्सीजन लेवल नापने में लापरवाही के कारण ऑक्सीजन लेवल गिरने को समय से पकड़ न पाना। ऑक्सीजन गिरने पर अस्पताल पहुंचने में देरी। अस्पताल में ऑक्सीजन का अभाव, छठे दिन HRCT टेस्ट में 15/25 या उससे ऊपर का स्कोर आने पर भी घर में इलाज और तुरंत अस्पताल में भर्ती हों कर intravenous (इंजेक्शन से) ट्रीटमेंट न लेना
ये सब चीज मौत का कारण बन सकता है साथ ही उन्होंने बताया कि कोविड की दवा फेवी फुलू रेमडेसिवीर ऑक्सीजन रेगुलेटर इत्यादि मेडिकल उपकरणों के जमाखोरी के कारण बाजार में घोर अभाव का मुख्य कारण है| अगर इन सब बातों पर ध्यान नहीं रखा गया पहला हफ्ता आपके हाथ में, दूसरा हफ्ता आपके डॉक्टर के हाथ में और तीसरा हफ्ता ईश्वर के हाथ में होगा।