रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डॉक्टर रामेश्वर उरांव ने कहा कि सत्य और अहिंसा के आदर्शों ने गांधी जी को वैश्विक महानायक बना दिया। 1893 में महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका एक मुकदमा लड़ने के लिए गए थे।दक्षिण अफ्रीका में नस्ली भेदभाव को देखकर काफी आहत हुए और उस नस्ली भेदभाव के शिकार गांधीजी भी हुए।गांधी जी को डरबन प्रिटोरिया जाने के दौरान ट्रेन के फर्स्ट क्लास से धक्का मार के उतार दिया गया था। भारतीयों के साथ नस्ली भेदभाव चरम पर था। वहीं से उन्होंने इरादा कर लिया था कि इस घिनौनी सोच के खिलाफ आवाज बुलंद करना अति आवश्यक है। ये बातें कांग्रेस अध्यक्ष ने बुधवार को राष्ट्र निर्माण के अपने महान विरासत कांग्रेस की श्रृंखला धरोहर की दसवीं वीडियो को सोशल मीडिया पर जारी करने के बाद पत्रकारों से कही। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी को अफ्रीका यात्रा के दौरान एक नहीं अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा,उन्हें मजबूर होकर सत्याग्रह का सहारा लेना पड़ा।1894 में गांधी जी ने नेटाल इंडियन कांग्रेस की स्थापना की।भारतीयों को वोट देने वाले एक विधेयक में उनकी मदद करने का प्रयास किया लेकिन उसमें कामयाब नहीं हो सके। गांधीजी दक्षिण अफ्रीका में जनता के ध्यान को आकर्षित करने में पूरी तरह से कामयाब रहे। नेटाल इंडियन कांग्रेस के माध्यम से उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय को एक सशक्त राजनीति के शक्ति के रूप में परिवर्तित किया और सफल भी हुए।पूरे दक्षिण अफ्रीका में भारतीय समुदाय के लोग एकजुट होकर अपने हक की लड़ाई लड़ने लगे। इस हक की लड़ाई से गांधी जी एशियाई समुदाय के लोगों के दिलों में जगह बना ली थी। धीरे-धीरे पूरे विश्व में गांधी जी के सत्याग्रह और अहिंसा की चर्चा होने लगी। गांधी जी ने दक्षिण अफ्रीका के प्रवास के दौरान सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर पूरे विश्व में अपने विचारों का लोहा मनवा लिया था। 1906 में दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने एक नया कानून बनाया, इस कानून में भारतीय मूल की आबादी को पंजीकृत करना अनिवार्य किया था। उसी दौरान सितंबर में जोहांसबर्ग में हुई एक बैठक में भारी विरोध किया गया। गांधी जी ने अहिंसा विरोध की विचारधारा को पहली बार वहीं अपनाया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे बताया कि इस सत्याग्रह में गांधी सहित हजारों भारतीयों पर कोड़े बरसाए गए। 10 जनवरी 1908 को गांधी जी को जेल भेज दिया गया। गांधी जी ने जेल से निकलते ही दोबारा भारतीय एवं एशियाई लोगों पर नस्ली भेदभाव किये जाने के खिलाफ एक बार फिर से सत्याग्रह शुरू किया। 7 अक्टूबर 1908 को पुनः उन्हें जेल भेज दिया गया । जेल से निकलने के बाद उन्होंने दक्षिण अफ्रीका से इंग्लैंड का सफर किया ।इंग्लैंड से वापस दक्षिण अफ्रीका 1914 में पुनः भारतीय नागरिकता अधिनियम के खिलाफ अपनी आवाज को दोबारा सक्रिय किया और सत्य अहिंसा के साथ आंदोलन करते रहे ।आखिरकार दक्षिण अफ्रीकी सरकार को भारतीय नागरिकता अधिनियम को वापस लेना पड़ा।
झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता डॉ. एम. तौसीफ ने कहा कि गांधी एक विचारधारा है और उस विचारधारा ने न केवल भारत को बल्कि पूरे विश्व उनकी विचारधारा को अपनाया है। नेल्सन मंडेला ने गांधी जी को नस्ल और भेदभाव की लड़ाई जीतने पर दुनिया का रोल मॉडल कहा है। उन्होंने कहा कि गांधी जी दुनिया के बड़े दार्शनिक के तौर पर जाने जाते हैं दुनिया के तकरीबन हर मुल्क में गांधी की प्रतिमा को जगह मिली हुई है। गांधी जी के आंदोलन ने ही भारत को आजादी दिलाई उनके सत्य और अहिंसा के मार्ग पर हम सबको चलना चाहिए।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के आदर्श धरोहर श्रृंखला दसवीं वीडियो को सोशल मीडिया पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष राजेश ठाकुर, प्रवक्ता आलोक दूबे, लाल किशोर नाथ शाहदेव, राजीव रंजन प्रसाद, डाॅ राजेश गुप्ता, अमूल्य नीरज खलखो और सोशल मीडिया के कोर्डिनेटर गजेन्द्र सिंह आदि ने साझा किया है।
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