KANPUR: कुम्हार की चाक पर मिट्टी घूमते-घूमते जैसे एक विशेष वस्तु के आकार को प्राप्त कर लेती है, वैसे ही संघ की शाखा में आने वाले स्वयंसेवक व्यक्तिगत से उठकर राष्ट्रहित का चिंतन करने लगता है। उसकी दृष्टि में संपूर्ण समाज उसका परिवार हो जाता है और यही संघ का वैशिष्ट्य है, यही संघ के संस्कार हैं। या यूं कहें संघ की शाखा व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का यात्रा मार्ग है।
यह बातें रविवार को कानपुर पहुंचे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) ने कानपुर महानगर की शाखा टोली के स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि एक मैदान एक पार्क में लगने वाली शाखा के स्वयंसेवक के लिए शाखा क्षेत्र का प्रत्येक परिवार उसका अपना परिवार हो जाता है। प्रत्येक परिवार के दुख, उत्सव स्वयंसेवकों के जीवन का अंग हो जाता है। स्वयंसेवक और संघ को अपने लिए कुछ नहीं करना है उसके लिए सर्वप्रथम देश है। शाखा एक ऐसी साधना स्थली है जहां पर आने वाला स्वयंसेवक प्रत्येक कार्य को देश समाज हित में केंद्रित करके ही सोचता है। वर्षोंवर्ष साथ में ही शाखा आने वाले लोग यह नहीं जानते कि उनकी आपस में जाति क्या है। 1925 से लेकर आज तक हमने इस पवित्र संस्कार को बनाए रखा है। कहने में यह सरल लगता है परंतु इसकी निरंतरता बनाए रखना इतना सरल नहीं होता है। यह संघ के ही संस्कार हैं कि यह निरंतरता बनी हुई है।
कार्यक्रम में कानपुर महानगर की बाल शाखा से लेकर पौढ़ शाखा की शाखा टोली के स्वयंसेवक उपस्थित रहें अर्थात आठ वर्ष की आयु से लेकर 80 वर्ष तक की आयु के स्वयंसेवक रहें। कार्यक्रम में 3576 शाखा टोली के कार्यकर्ता उपस्थित हुए।
कार्यक्रम में प्रमुख रूप से क्षेत्र संघचालक वीरेंद्र जीत सिंह, प्रांत संघचालक भवानी भीख, प्रांत प्रचारक श्रीराम सिंह, सह प्रांत प्रचारक रमेश, प्रांत प्रचार प्रमुख डॉ अनुपम, विश्व संवाद केंद्र के अध्यक्ष अजीत अग्रवाल, विभाग प्रचारक बैरिस्टर, प्रांत शारीरिक प्रमुख ओंकार आदि उपस्थित रहे।
Follow our Facebook Page 👉
Follow Us
Follow us on X (Twitter) 👉
Follow Us
Follow our Instagram 👉
Follow Us
Subscribe to our YouTube Channel 👉
Subscribe Now
Join our WhatsApp Group 👉
Join Now
Follow us on Google News 👉
Follow Now