लोहरदगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, झारखंड द्वारा लोहरदगा के शीला अग्रवाल सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित 20 दिवसीय प्रथम वर्ष प्रशिक्षण वर्ग के शुक्रवार को समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में उत्तर पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक रामनवमी प्रसाद ने शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि संघे शक्ति कलीयुगे, इस नाते इस प्रशिक्षण के द्वारा हम अपने को अपने हिंदू समाज को कैसे संगठित कर सकते है इस भाव को यहां हम सबने सीखा है।
संघ संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार ने १९२५ में संघ की स्थापना की और संघ व्यक्ति निर्माण के द्वारा भारत को परम वैभव पर ले जाने को प्रतिबद्ध है। अपना हिंदू समाज बलशाली हो संगठित हो इस नाते अपना कार्य दैनिक शाखा के माध्यम से व्यक्ति का निर्माण करना है। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की अपना हिंदू समाज सतत विदेशियों का मुकाबला भी किया इस निमित अपना इतिहास संघर्षों का इतिहास रहा है। उन्होंने आह्वान किया हम सब एक हो,संगठित हो हम सब श्रेष्ठ हिंदू के नाते एक बने ऐसा भाव हम सभी हिंदू समाज में पुष्ट हो। भारत हिंदू राष्ट्र है इसमें संघ को किसी प्रकार का संशय नहीं है । सत्ता परिवर्तन का साधन नहीं है। विश्व का कल्याण हिंदू संस्कृति से ही संभव है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि स्वामी भवेशानन्द जी ने कहा २०दिवसीय इस प्रशिक्षण के द्वारा आपके द्वारा किए गए कुछ शारीरिक प्रस्तुति स्वामी विवेकानंद जी के सपनो को साकार कर रही है।उनका युवाओं से जो आशा थी,जिसकि उन्होंने कल्पना की थी संघ वह साकार कर हिन्दू समाज को बलशाली वैभवशाली बना रही है।
विशिष्ट अतिथि डॉ सुखी उरांव ने कहा कि समाज में समरसता का भाव लेकर राष्ट्र निर्माण की बात राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ करता है। आज अपने समाज को कुछ स्वार्थी तत्व सरना विषय को लेकर भेद पैदा करने की कोशिश कर हिन्दू समाज को तोड़ने का प्रयास कर रहे है। ऐसे देश- समाज विरोधी शक्ति से हमे सचेत रहना चाहिए।
विदित हो की लोहरदगा में आयोजित इस 20 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग में कुल 244 शिक्षार्थी जो 92 खंडों 39 नगरों 113 मंडल,53 बस्ती के 151 स्थानों से उपस्थित थे। इस प्रशिक्षण वर्ग में विद्यार्थी, पेशे से चिकित्सक, वैज्ञानिक, प्राध्यापक, अभियंता व कृषक भाग लिए।
संबोधन से पूर्व झारखंड के सुदूर क्षेत्र से प्राप्त कर रहे प्रशिक्षार्थी दंड,नियुद्ध,यष्टि,पद विन्यास,दंडयुध,दंड योग, आसन और व्यायाम का भव्य सामूहिक प्रदर्शन किया। घोष प्रदर्शन के शिक्षार्थियों ने घोष के अनेक ताल, लय का मनमोहक प्रस्तुति किया। इस समापन कार्यक्रम में गणमान्य बंधु भगिनी सहित प्रांत के अनेक प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित थे।