नई दिल्ली। पूरी दुनिया में कोरोना की वैक्सीन देने का काम जारी है. कोरोना के बदलते वैरिएंट और वैक्सीन पर इसके असर को लेकर भी एक्सपर्ट्स की चिंता बढ़ती जा रही है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अपने एक दस्तावेज में अनुमान लगाया है कि जिन लोगों को कोरोना से संक्रमित होने का खतरा ज्यादा है, जैसे कि बुजुर्गों को, उन लोगों को कोरोना के वैरिएंट्स से बचने के लिए हर साल एक बूस्टर डोज लेने की जरूरत होगी.
WHO के इस अनुमान की चर्चा वैक्सीन गठबंधन गावी की एक बैठक में भी की गई है. गावी WHO के कोविड-19 वैक्सीन प्रोगाम COVAX का सहयोगी गठबंधन है.
वैक्सीन निर्माता मॉडर्ना इंक और फाइजर इंक, अपने जर्मन पार्टनर बायोएनटेक के साथ बूस्टर शॉट की जरूरत पर पहले ही जोर देते रहे हैं.
इन कंपनियों का कहना है कि बूस्टर शॉट से उच्च स्तर की इम्यूनिटी बनाए रखने में मदद मिलेगी.
हालांकि ये कितना असरदार होगा, अभी इसके पूरे साक्ष्य स्पष्ट नहीं हैं. डॉक्यूमेंट में WHO ने ज्यादा जोखिम वाले लोगों के लिए सालाना बूस्टर और सामान्य आबादी के लिए हर दो साल में बूस्टर लगवाने की सिफारिश की है.
रिपोर्ट में यह नहीं बताया गया है कि WHO आखिर इस निष्कर्ष पर कैसे पहुंचा.
रिपोर्ट के अनुसार, वैरिएंट्स के नए-नए रूप आते रहेंगे और इन खतरों से निपटने के लिए वैक्सीन को नियमित रूप से अपडेट किया जाता रहेगा.