हजारीबाग। जब केंद्र सरकार हर तरीके से किसानों के मदद हेतू खड़ी है तब इसके विपरीत राज्य सरकार ने पहला काम यह किया की भाजपा सरकार द्वारा चलायी जा रही “मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना” बंद कर दी और अब तो हाल यह है कि मिली जानकारी के मुताबिक मात्र कुछ ही धान क्रय की गयी है किसानों से, ना उन्हें भुगतान हो रहा ना कोई उनकी सूद लेने वाला है और वो विवश हो कर बिचौलियों को औने पौने भाव में अपनी उपज बेचने को लाचार हैं। उक्त बातें सदर विधायक मनीष जायसवाल ने हज़ारीबाग सहित पूरे झारखण्ड के किसानों के प्रति लगातार हो रही झारखण्ड सरकार की अनदेखी को लेकर फेसबुक के माध्यम से भाजपा झारखंड प्रदेश नेतृत्व द्वारा समूचे झारखंड प्रदेश में आयोजित विरोध प्रदर्शन वर्चुअल संवाद के माध्यम से फेसबुक लाइव के माध्यम से कही।
विधायक श्री जायसवाल ने कहा कि मुझे कई क्षेत्रों से पिछले 6 महीने से यह शिकायतें आ रही हैं और हमने लगातार सरकार का ध्यान इस अति महत्त्वपूर्ण विषय पर लाने का प्रयास किया पर झारखण्ड सरकार की अपनी प्राथमिकताएं हैं। एक मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष होने के नाते हम हज़ारीबाग और झारखण्डवासियों के हित के लिए लगातार आवाज़ बुलंद करते रहेंगे और संघर्षरत रहेंगे। झारखण्ड सरकार को आपदा काल में अपनी अकर्मण्यता दिखाने का एक और मौका मिल गया, किसानों के धान खरीद का भुगतान सरकार ने बंद कर रखा है। या तो उपज सड़ रहे हैं या गरीब किसान बिचौलियों के हाथों शोषित किये जा रहे हैं। मतलब साफ़ है जैसे झारखण्ड की स्वास्थ व्यवस्था भगवान भरोसे है ठीक वैसा ही हाल कृषि विभाग का भी है। ई- पास को ले कर परिवहन विभाग का तो मुंह दिखाने लायक नहीं रहा ।
उन्होंने कहा कि हम एक मजबूत और जिम्मेदार विपक्ष के रूप में अपनी आवाज़ इस सरकारी अकर्मण्यता के खिलाफ बुलंद करते रहेंगे। झारखण्ड के किसानों पर अत्याचार बंद करे यह किसान विरोधी झारखण्ड सरकार। विधायक श्री जायसवाल ने यह भी कहा कि अगर यह कोरोना काल ना होता तो मैं स्वयं सड़कों पर होता किसानों के प्रति हो रही सरकारी बेहाली को ले कर, विवश हूँ आज डिजिटल विरोध करने पर लेकिन शायद राज्य भर में हो रही इस कार्यक्रम का कुछ असर हो और सूबे के कृषि मंत्री और राज्य सरकार की कुंभकर्णी नींद खुले।