नई दिल्ली: डॉ. अंबेडकर अंतरराष्ट्रीय केंद्र में आयोजित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि कल की विजयादशमी संघ की जीवन यात्रा में एक विशेष विजयादशमी है। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 100 वर्ष पूर्ण करते हुए अपने राष्ट्र सेवा के इस यज्ञ को यहां तक पहुंचाते हुए, कल 101वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने विशेष रूप से सरकार और देश का नेतृत्व कर रहे आदरणीय प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 वर्ष के इस विशेष अवसर पर डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का जारी करने का निर्णय किया है, यह स्वाभाविक रूप से संघ के स्वयंसेवकों, समाज व राष्ट्र प्रेमी जनता के लिए एक सहज आनंद का विषय है। देश में और विश्व भर में फैले संघ के सभी स्वयंसेवक, कार्यकर्ताओं की ओर से मैं भारत सरकार को विशेष धन्यवाद देना चाहता हूं। सरकार की एक सत्परंपरा दशकों से चलती आई है। देश समाज में किसी भी क्षेत्र में विशेष योगदान देने वाले राष्ट्र के लिए कार्य करने वाले व्यक्ति या संस्था या अभियान, ऐसे जो भी हैं उनको समाज के तरफ से एक मान्यता, एक गौरव, सम्मान मिलना चाहिए। इसलिए समाज की दृष्टि से देने का यह कार्य भारत सरकार करते आई है। इसी सत्परंपरा के रास्ते पर आज संघ के शताब्दी वर्ष में इस कार्य को समस्त भारत की जनता की ओर से भारत सरकार ने एक प्रतिनिधि बनकर संघ के कार्य को मान्यता दी, गौरव दिया, ऐसा मैं मानता हूं।
सरकार्यवाह ने कहा कि समाज की सक्रियता और पुरुषार्थ को जागृत करना ही संघ का जीवन व्रत रहा है। संघ प्रतिक्रिया में बना हुआ संगठन नहीं है। हमारा उद्देश्य राष्ट्र के लिए काम करना और विश्व के कल्याण में योगदान देना रहा है। व्यक्ति को समाज से जोड़ना हमारा कार्य है।
श्री होसबाले ने देश के बारे में चलाए जा रहे नकारात्मक कथानक के प्रति अगाह किया और कहा कि संघ अपने शताब्दी वर्ष में भारत के विमर्श को मजबूत करेगा। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि भारतीय समाज के बारे में विमर्श सकारात्मक और सत्य आधारित होनी चाहिए। संघ कार्य की पद्धति नई है लेकिन कार्य वही है। यही डॉ. हेडगेवार ने कहा था कि संघ भारत की जीवन संस्कृति के जागरण का कार्य है।