New Delhi: प्रधानमंत्री मोदी (Prime Minister Modi) के यूएई यात्रा (UAE Tour) के दौरान भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) और सेंट्रल बैंक ऑफ यूएई (Central Bank of UAE) ने शनिवार को दो समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को और अधिक मजबूत करने और उनके भुगतान और मैसेजिंग सिस्टम को आपस में जोड़ने के लिए ये समझौते हुए। स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली (एसीएसएस) स्थापित करने के उद्देश्य से, आरबीआई और सीबीयूएई के गवर्नर, दोनों एशियाई देशों के बीच लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने पर सहमत हुए। इस एमओयू में सभी चालू खाता लेनदेन और अनुमत पूंजी खाता लेनदेन को कवर किया गया है।
आरबीआई (RBI) ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा कि एलसीएसएस के निर्माण से निर्यातकों और आयातकों को अपनी संबंधित घरेलू मुद्राओं में चालान और भुगतान करने में सक्षम बनाया जाएगा, जो बदले में एक आईएनआर-एईडी विदेशी मुद्रा बाजार के विकास को सक्षम करेगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (RBI Governor Shaktikanta Das) और यूएई (UAE) के सेंट्रल बैंक (Central Bank) के गवर्नर एच.ई. खालिद मोहम्मद बलामा (Governor H.E. Khalid Mohammed Balama) ने भारत के यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) को यूएई के इंस्टेंट पेमेंट प्लेटफॉर्म (आइपीपी) के साथ जोड़ने पर सहमति व्यक्त की है। पीएम मोदी और संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की गरिमामयी उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए।
आंगनबाडी वर्कर्स और हेल्परों की एप्रन ही बनेगी उनकी पहचानः बलजीत कौर
इसमें कहा गया है कि भारत और यूएई के बीच लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग के लिए एक रूपरेखा स्थापित करने के उद्देश्य से द्विपक्षीय रूप से लोकल करंसी सेटलमेंट सिस्टम (एलसीएसएस) स्थापित करना है। इन दोनों के लिंक होने के बाद दोनों देशों में यूजर्स को तेज, सुविधाजनक, सुरक्षित और लागत प्रभावी सीमा पार फंड ट्रांसफर करने में सक्षम बनाएगा। घरेलू कार्डों की पारस्परिक स्वीकृति और कार्ड लेनदेन के प्रसंस्करण को सक्षम करने के लिए दोनों देश अपने संबंधित कार्ड स्विच को रुपे स्विच और यूएईस्विच के साथ जोड़ने पर भी सहमत हुए हैं। इसके अलावा आरबीआई और सीबीयूएई भुगतान संदेश प्रणालियों को जोड़ने का पता लगाने पर सहमत हुए। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वित्तीय मैसेजिंग को आसान बनाने के उद्देश्य से, भारत के स्ट्रक्चर्ड फाइनेंशियल मैसेजिंग सिस्टम (एसएफएमएस) को संयुक्त अरब अमीरात में मैसेजिंग सिस्टम से जोड़ा जाएगा।