नई दिल्ली। देश के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर हो रहे हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नागरिकता लेने का नहीं, देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि नेहरू-लियाकत समझौते का पालन पूर्व में नहीं किया गया किंतु नरेन्द्र मोदी ने इस समझौते का पालन किया और लाखों लोगों को शरण देने का काम किया है।
गृहमंत्री शाह राष्ट्रीय राजधानी के द्वारका में भारत वंदना पार्क के उद्धाटन के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आंदोलन करने वाले विद्यार्थियों को यह कानून पढ़ना चाहिए, इसमें कहीं पर भी भारत के अल्पसंख्यकों की नागरिकता की बात नहीं की गई है, इसमें केवल अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना सहकर आए वहां के अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता देने का प्रावधान है।
शाह का यह भी कहना था कि सीएए पर विपक्ष देश को गुमराह करने में लगा है। उन्होंने विरोध करने वाले राजनीतिक दलों से कहा कि आपको जो राजनीतिक विरोध करना है करो, नरेन्द्र मोदी सरकार इस बात के लिए ढृढ़ है कि आए हुए शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।
शाह ने अनधिकृत कॉलोनी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि यदि केंद्र सरकार की तरह दिल्ली सरकार भी संकल्प ले लेती तो यह मुद्दा बहुत पहले ही हल हो जाता। उनका कहना था कि मोदी सरकार ने ढृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति का परिचय देते हुए संसद में बिल पास कराकर कानून बनाया। उन्होंने अनधिकृत कॉलोनी के निवासियों से जल्द से जल्द ई-रजिस्ट्री कराने को कहा।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि पूरे देश की जनता द्वारा केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री आवास योजना और आयुष्मान भारत का लाभ लिया जा रहा है किंतु दिल्ली की जनता इस लाभ को नहीं ले पा रही है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत पांच लाख तक का खर्चा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाता है और सभी तरह के बीमारियों के इलाज के लिए यह राशि प्रदान की जाती है।
शाह ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार ने दिल्ली के विकास के लिए हजारो करोड़ रुपये के कार्य किए हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा अब शुरू की जा रही योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि जनता को पता है कि चुनाव के वक्त जो योजनाएं शुरू की जाती हैं वह कभी पूरी नहीं होती।
उन्होंने कहा कि द्वारका स्थित भारत वंदना पार्क आने वाले समय में पर्यटन का सेंटर बनेगा और दिल्ली आने का मार्ग द्वारका के इस पार्क से होते हुए पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र होगा। उनका कहना था कि इस पार्क में भारत के समग्र सांस्कृतिक मानचित्र को उपलब्ध कराया गया है।