Dehradun: केंद्र सरकार के समूचे देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के संकल्प के बीच उत्तराखंड सरकार की पहल से पहाड़ में विरोधी दलों की नींद उड़ गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) यूसीसी के पक्षधर हैं। उत्तराखंड सरकार अपने स्तर से यूसीसी (UCC) पर मजबूती से आगे बढ़ रही है। वह प्रदेश में इसे जल्द लागू करने की तैयारी में है। ऐसा होता है, तो उत्तराखंड का फीडबैक इस मामले में केंद्र सरकार के बहुत काम आएगा। पूरे देश में इसे लागू करते वक्त मोदी सरकार को मदद मिलेगी।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरने से पूर्व ही यूसीसी को लेकर ऐलान कर दिया था। इस ऐलान के पीछे हाईकमान का इशारा साफ तौर पर शामिल था। दरअसल, हाईकमान की रणनीति यह है कि वह एक छोटे राज्य से समान नागरिक संहिता लागू करने की शुरुआत करे। भाजपा शासित यह राज्य कई तरह से इस रणनीति के अनुरूप बैठ रहा है।
एक तो इस राज्य में भाजपा को प्रचंड बहुमत हासिल है। दूसरा, हिंदुत्व के एजेंडे के हिसाब से भी उत्तराखंड भाजपा के लिए सफल प्रयोगशाला साबित होता आ रहा है। लव और लैंड जिहाद के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार सख्त हैं। ऐसे में भाजपा हाईकमान को लगता है कि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता सुचारू ढंग से लागू करा लेने के बाद पूरे देश में अच्छा माहौल तैयार हो जाएगा। तब इसे पूरे देश में लागू करने में सहूलियत होगी।
उत्तराखंड सरकार के स्तर पर गठित जस्टिस देसाई की अध्यक्षता वाली कमेटी ने जो मसौदा तैयार किया है, उसे सरकार आगामी विधानसभा सत्र में रख सकती है। उत्तराखंड भाजपा पर भी पार्टी के इस अति महत्वपूर्ण मसले पर कुशलता और सावधानीपूर्वक आगे बढ़ाने का दबाव होगा।
यूसीसी लागू होने के बाद होने वाले तयशुदा विरोध का यदि आसानी से प्रबंधन कर लिया जाता है तो देश में इसका अलग संदेश जाएगा। इसके लिए भाजपा सरकार और संगठन दोनों ही स्तर पर तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के अलग-अलग जगहों पर दिए गए बयानों की प्रतिध्वनि एक सी है। दोनों ने कहा है कि यूसीसी को जल्द से जल्द पूरे प्रदेश में लागू कर दिया जाएगा। ऐसा करके भाजपा 2022 में चुनाव में जाने से पूर्व किए गए अपने वादे को पूरा करेगी।