देहरादून। वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार शाम वर्ष 2023-24 के लिए प्रथम अनुपूरक बजट 11,321 हजार करोड़ 1204 रुपये का सदन में पेश किया। इनमें राजस्व 35,309,158 करोड़ और पूंजी लेखा के लिए 77,902, 046 करोड़ निर्धारित किया गया है।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि हमारी सरकार जनकल्याण को समर्पित सरकार है। मुख्य बजट में हम अनेक महत्वपूर्ण योजनाएं लेकर आये थे। इसमें आयुष्मान योजना, नन्दा गौरा योजना, माध्यमिक व उच्च शिक्षा को छात्रवृत्ति की योजना, अन्त्योदय कार्ड धारकों को वर्ष में तीन सिलेंडर निशुल्क रिफिल कराए जाने की योजना, सामाजिक सुरक्षा से सम्बन्धित विभिन्न पेंशन योजना आदि का विशेष उल्लेख है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री के योग्य नेतृत्व में विश्व बिरादरी में भारत का सम्मान बढ़ा है। चन्द्रयान सफल अभियान अभियान से हम शीर्ष देशों के पंक्ति में खड़े हो गए हैं। जी-20 के अध्यक्ष के नाते हमारे देश ने अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है।
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इन जनकल्याण योजनाओं से हम समग्र विकास, समावेशी विकास और सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास आदि प्रतिबद्धताओं को पूर्ण करते हैं। इस अनुपूरक बजट में भी जनकल्याण को समर्पित योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान हैं।
उन्होंने बताया कि अनुपूरक बजट के लिए आवश्यक वित्त की व्यवस्था के लिए हमने गम्भीर प्रयास किये हैं। हम लगातार राजस्व अभिवृद्धि के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि हम अब तक बजट अनुमान का 34 प्रतिशत राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। राजस्व प्राप्ति के सम्बन्ध में यह उपलब्धि मुख्यतः इसलिए है कि क्योंकि हमारी सरकार लगातार समीक्षा कर रही है। वित्त विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ मेरे और मुख्यमंत्री के द्वारा पहली बार व्यापक पैमाने पर समीक्षाएं की जा रही हैं।
वित्त मंत्री ने बताया कि विगत दिनों सर्किल रेट को रिवाइज किया गया था। जीएसटी के क्षेत्र में जहां एक और जन जागरूकता बढ़ाई गई वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी का सहारा लिया गया। कम से कम मानवीय हस्तक्षेप के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया। हमारे इन प्रयासों के अच्छे नतीजे सामने आने लगे हैं।
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उन्होंने बताया कि 2021-22 में लगभग हमको लगभग 14176 करोड़ का कर राजस्व प्राप्त हुआ था। यह 22-23 में यह बढ़कर 17103 करोड़ हो गया है। इस वर्ष गत वर्ष के सापेक्ष हम 47 प्रतिशत कर राजस्व प्राप्त कर चुके हैं। राजस्व प्राप्ति के लक्ष्य बढ़ा दिये हैं ताकि जन कल्याण एवं अवस्थापना विकास के समुचित प्रावधान कर सकें।
डॉ अग्रवाल ने बताया कि राज्य के राजस्व के दृष्टिगत जी.एस.टी. वैट, स्टॉम्प वाहन कर आदि प्रमुख कर हैं और इन सभी में गत वर्ष के सापेक्ष वृद्धि हो रही है। इस वर्ष भी लक्ष्य के सापेक्ष भी अच्छी प्रगति है। राज्य वस्तु एवं सेवाकर में लक्ष्य के सापेक्ष 39 फीसद, बैट (नॉन जीएसटी) में 41 फीसद स्टाम्प में 51 फीसद और वाहन कर में 34 फीसद की प्राप्ति हो चुकी है।
प्रमुख केन्द्र पोषित योजनाओं के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान-
जल जीवन मिशन में लगभग 795 करोड़, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन में 297 करोड़, प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण लगभग 190 करोड़, समग्र शिक्षा अभियान लगभग 128 करोड़, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान लगभग 120 करोड़, मेडिकल कॉलेज लगभग 54 करोड़, स्वच्छ भारत मिशन लगभग 36 करोड़ रुपये।
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पूंजीगत योजनाओं में अनुपूरक बजट में प्रावधान –
आवास एवं शहरी विकास के अन्तर्गत अवस्थापना का सुदृढ़ीकरण के लिए 321 करोड़, ऋषिकेश को योग नगरी के रूप में विकसित करने के लिए लगभग 30 करोड़, हरिद्वार को पर्यटन नगरी के रूप में विकसित के लिए लगभग 25 करोड़, पार्किंग के निर्माण को लगभग 135 करोड़, मुख्यमंत्री आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लिए लगभग 50 करोड़, हरिद्वार मेडिकल कॉलेज भवन निर्माण एवं स्थापना हेतु लगभग 100 करोड़, लोक निर्माण विभाग के अन्तर्गत आरआई.डी.एफ. योजना के अन्तर्गत लगभग 100 करोड़, नगरीय अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए लगभग 25 करोड़, अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास 35 करोड़, अनुसूचित जन जाति बाहुल्य क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास 17 करोड़ रुपये।
राजस्व योजनाओं के लिए प्रावधान-
सड़कों के अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग 300 करोड़। अटल आयुष्मान के लिए लगभग 200 करोड़। नन्दा गौरा के लिए लगभग 95 करोड़। औषधि और रसायन के अन्तर्गत लगभग 90 करोड़। निशुल्क पाठ्य पुस्तक योजना हेतु लगभग 68 करोड़।
रूफ टॉप सोलर स्ट्रीट लाइट संयंत्रों लगभग 66 करोड़। सामाजिक सुरक्षा (पेंशन) के अन्तर्गत लगभग 40 करोड़। मशीन उपकरण सज्जा एवं संयंत्र के अन्तर्गत लगभग 33 करोड़। कम्प्यूटर हार्डवेयर सॉफ्टवेयर एवं अनुरक्षण के अन्तर्गत लगभग 23 करोड़। व्यावसायिक और विशेष सेवाओं का भुगतान के अन्तर्गत लगभग 17 करोड़। कार्यालय प्रयोगार्थ वाहन क्रय में लगभग 13 करोड़। ईजा बोई शगुन योजना के लिए लगभग 10 करोड़। पशुपालन के अन्तर्गत साइलेज पशुपोषण योजना के लिए लगभग 7 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।