RANCHI: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, रांची महानगर का विजयादशमी उत्सव रविवार को रांची में मनाया गया। इस अवसर पर एक हजार से अधिक स्वयंसेवकों ने पांच किमी लंबा पथ संचलन में हिस्सा लिया। पथ संचलन शास्त्री मैदान से शुरू होकर ऑक्सफोर्ड स्कूल, बहुबजार चौक, श्रीराम मंदिर, और शिशु मंदिर होते हुए शास्त्री मैदान में संपन्न हुआ। संचलन के मार्ग में विभिन्न स्थानों पर लोगों ने पुष्प वर्षा कर स्वयंसेवकों का स्वागत किया। कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों के लोग उपस्थित थे।
इस मौके पर मुख्य वक्ता झारखंड के प्रांत प्रचारक गोपाल शर्मा ने कहा कि संघ पर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद स्वयंसेवकों ने दुगनी गति से राष्ट्र कार्य और राष्ट्र जागरण का कार्य किया है।
उन्होंने कहा कि संघ के प्रयासों का परिणाम है कि आज जम्मू-कश्मीर में धारा 370 नहीं है। संघ ने जम्मू-कश्मीर के विषय को लेकर 1960 के दशक में जम्मू-कश्मीर अध्ययन केंद्र बनाया था। वहीं पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने के प्रयासों के बावजूद, संघ के प्रचारकों और कार्यकर्ताओं के अथक परिश्रम से वहां की स्थिति बदली है।
श्री शार्म ने पर्यावरण संरक्षण, कुटुंब प्रबोधन, परिवार प्रबोधन, नागरिक कर्तव्य, सामाजिक समरसता एवं स्व-बोध (स्वदेशी) जैसे पंच प्रण पर काम करने का अह्वान किया।
उन्होंने कहा कि आज के दिन हम शस्त्र पूजन कर शक्ति की उपासना करते हैं। सज्जन शक्ति को जागृत कर समाज में बदलाव लाना है। शास्त्र के साथ हमें शस्त्र को भी महत्व देना होगा। बल के साथ विवेक पूर्ण ज्ञान की भी जरूरत है।
प्रांत प्रचारक ने कहा कि शताब्दी वर्ष में संघ कोई कार्यक्रम नहीं करेगा, केवल एक ही काम करेगा हर बस्ती शाखा युक्त हो।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इक्फ़ाई विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. (डॉ.) रमन कुमार झा ने संघ की अनुशासन की प्रशंसा की और कहा कि ऐसी अनुशासन उन्होंने अपने सैनिक स्कूल के बाद आज इस कार्यक्रम में देखी।
मौके पर में क्षेत्र संघचालक, देवव्रत पाहन, सह प्रांत कार्यवाह धनंजय सिंह, विभाग संघचालक विवेक भासीन, महानगर संघचालक पवन मंत्री सहित संघ एवं अनुषांगिक संगठनों के अनेक अधिकारी उपस्थित थे।
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