New Delhi: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पूर्व सह सरकार्यवाह मदन दास देवी के निधन से पूरे संघ परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। सरसंघचालक मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) और सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले (Dattatreya Hosabale) की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है कि मदनदास जी (madan das) के जाने से हम सबने अपने ज्येष्ठ सहयोगी को खो दिया है। गत अनेक वर्षों से स्वयं की शारीरिक अस्वस्थता से उनका संघर्ष चल रहा था, आज भोर में उस संघर्ष का हमारे लिए अतीव दुखदायक अंत हुआ है।
मदनदास जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) में संघ योजना से दिए गए पहले प्रचारक (prachaarak) थे। अनेक वर्षों तक परिषद के संगठन मंत्री का दायित्व उन्होंने संभाला। स्वर्गीय यशवंत राव केलकर (Yashwant Rao Kelkar)के सानिध्य में उन्होंने संगठन कला की गुणवत्ता को परिपूर्ण बनाया। बाद में 90 के दशक में उनकी योजना संघ के दायित्व में हुई। प्रदीर्घ समय तक उस चुनौती भरे कालखंड को यशस्वी ढंग से निभाने में उनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही।
ज्ञानवापी मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, पढ़ें पूरी खबर
हम सब लोग उस समय विभिन्न दायित्वों पर उनके सानिध्य में काम कर रहे थे। उनकी पैनी निरीक्षण शक्ति, उत्तम सूझबूझ, प्रचारक व्यवस्था के अनुशासन का कठोर पालन व सबके साथ घुलने मिलने वाला संवादी परंतु सजग स्वभाव हमें बहुत कुछ सिखा गया है।
स्वस्थ रहकर वे हमारा नेतृत्व करते हुए हमको आगे बढ़ाते रहें, यह हम सबकी इच्छा थी, परंतु कार्य हेतु किए हुए कठोर परिश्रम ने उनके शरीर को धीरे-धीरे जर्जर बना दिया। मनुष्य प्रयत्नों पर नियति भारी हो गई और आज का दुखद प्रसंग हमारे सामने हम देख रहे हैं। परंतु सुख-दुःख की चिंता न करते हुए कर्तव्य मार्ग पर सतत आगे बढ़ने का प्रत्यक्ष उदाहरण भी श्री मदनदास जी के जीवन के रूप में हमारे सामने है।
अपनी जीवन तपस्या के कारण उनको उत्तम गति प्राप्त होगी ही, शोक संतप्त सभी के साथ अपनी संवेदना को जताते हुए मैं श्री परमेश्वर से हम सबके लिए उचित धैर्य की याचना करता हूं तथा श्री मदनदास जी की पवित्र स्मृति में हमारी व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से श्रद्धांजलि अर्पण करता हूं।