Dharmshala। कांगड़ा जिला के प्रागपुर क्षेत्र के गांव नक्की में शुक्रवार को आयोजित ‘सरकार गांव के द्वार कार्यक्रम’ के दौरान विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों के साथ मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) ने संवाद किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना (Chief Minister Sukhashraya Yojana) के लाभार्थी प्रिंस शर्मा ने कहा कि वे रीजनल सेंटर धर्मशाला से एमबीए कर रहे हैं और राज्य सरकार उनकी पढ़ाई का खर्च उठा रही है। मुख्यमंत्री ने पूछा कि हॉस्टल का खर्च मिल रहा है, तो प्रिंस ने कहा कि वहां हॉस्टल नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में सुधार कर हॉस्टल के खर्च के साथ-साथ किराए का भी प्रावधान किया जाएगा, ताकि किराए पर घर लेकर पढ़ने वाले बच्चों को लाभ मिल सके।
इसी योजना की लाभार्थी डॉ. रश्मि शर्मा ने कल्याणकारी योजना शुरू करने के लिए ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू (Chief Minister Thakur Sukhwinder Singh Sukhu) का धन्यवाद करते हुए कहा कि वे बीएएमएस की पढ़ाई के बाद डिग्री कर रही हैं, जिसके लिए राज्य सरकार से आर्थिक मदद मिल रही है। इस योजना के तहत उन्हें चार हजार रुपये पॉकेट मनी भी मिल रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह योजना कोई दया नहीं है, बल्कि अनाथ बच्चों का अधिकार है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए तथा स्टार्ट-अप व शादी के लिए 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान करती है।
आपदा प्रभावित कलोह निवासी सरला देवी ने कहा कि घर बनाने के लिए सरकार की ओर से उन्हें तीन लाख रुपये की सहायता मिल चुकी है, जिसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन लाख रुपये तो पहली किश्त के मिले हैं, राज्य सरकार ने घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर मुआवजा बढ़ाकर सात लाख रुपये किया है और उन्हें सात लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके अतिरिक्त उन्हें बिजली एवं पानी का फ्री कनेक्शन और 280 रुपये प्रति बोरी की दर से सीमेंट भी उपलब्ध करवाया जाएगा।
आपदा प्रभावित उपरली भरोल निवासी प्रतिमा देवी ने भी तीन लाख रुपये की किश्त प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
मंच से उतर कर बुजुर्ग तारा चंद से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री
कार्यक्रम के दौरान कलोहा निवासी 88 वर्षीय तारा चंद मंच के सामने आए तो मुख्यमंत्री मंच छोड़कर कर उनसे मिलने नीचे उतर गए। बुजुर्ग तारा चंद ने सड़क की समस्या को लेकर उनसेे बात की। इस पर मुख्यमंत्री ने उपायुक्त कांगड़ा को उनकी मदद करने के निर्देश दिए।