Mathura। यमुना का जल स्तर (Water level of Yamuna) लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार दोपहर दो बजे तक यमुना खतरे के निशान से 61 सेमी ऊपर बह रही थी। इससे मथुरा के तटीय इलाकों में जल वृद्धि से दहशत की स्थिति बनी हुई है। पिछले एक पखवारे से यमुना के जल स्तर को लेकर लोग भयभीत हैं। यमुना में आए उफान से उप्र में प्रभावित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने हवाई जायजा लिया और अधिकारियों को मुकम्मल व्यवस्था के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बैढ़न, सिंगरौली से किया समरसता यात्रा का शुभारंभ
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से मथुरा में यमुना खतरे के निशान से नीचे बह रही थी। वहीं मंगलवार सायं से पुनः जल स्तर में वृद्धि शुरू हुई। प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य कर रही टीमों को पुनः उन्हीं स्थानों पर तैनात रहने को कहा गया है। शहरी क्षेत्र में यमुना घाटों और सड़क के बीच अभी हालांकि काफी दूरी बनाए हैं। लेकिन लोगों का मानना है कि जलस्तर में वृद्धि इसी गति से होती रही तो पानी सड़कों पर आ सकता है। ग्रामीण अंचल के जमुनापार और जयसिंहपुरा क्षेत्र में भी बढ़ते जलस्तर को लेकर लोगों में दहशत दिखाई दे रही है। बड़ी संख्या में बाढ़ के विकराल स्वरूप को लेकर चिंतित हैं और अपनी स्थानों की पलायन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने किया बाढ़ ग्रसित गांवों का हवाई निरीक्षण
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) पहले रामकृष्ण मिशन (Ram krishna mission) सेवाश्रम पहुंचे। यहां कुछ समय रुकने के बाद वह निकल गए। इसके बाद यमुना में उफान और बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा करके स्थितियों का जायजा लिया। अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा के हथिनी बैराज और ओखला बैराज से पानी छोड़े जाने के बाद मथुरा जिले में यमुना उफान पर हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकॉप्टर से सर्वेक्षण किया। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ के हालत के मद्देनजर राहत एवं बचाव से संबंधित सभी आवश्यक उपाय करने के लिए निर्देशित किया। यमुना में बाढ़ के कारण हजारों बीघा फसल जलमग्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जल्द से जल्द नुकसान का आकलन करते हुए प्रभावित लोगों को आर्थिक मदद के लिए निर्देशित किया है।