Gorakhpur। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि दिव्यांगजन में असीमित अंतर्निहित प्रतिभा होती है। जरूरत उस प्रतिभा को तराशकर मंच देने की है। दिव्यांगजन सरकार और समाज के प्रोत्साहन के हकदार हैं और इसी प्रोत्साहन की अपेक्षा भी करते हैं। इसी भावना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन की सरकार दिव्यांगजन का संबल बनकर उन्हें सम्मान और स्वावलंबन के मार्ग पर अग्रसर कर रही है।
मुख्यमंत्री योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) शनिवार शाम योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग की तरफ से आयोजित राज्य स्तरीय तीन दिवसीय दिव्य कला एवं कौशल प्रदर्शनी के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे। दिव्यांगजन के आत्मविश्वास को बढ़ाने वाले इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी व्यक्ति में कहीं से कोई कमी रहती है तो ईश्वर उसकी प्रतिपूर्ति कर देते हैं। उपनिषदों के जरिये समाज का मार्गदर्शन करने वाले महर्षि अष्टावक्र, मध्यकाल में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का छंदीय चित्रण करने वाले महाकवि सूरदास और वर्तमान समय में जगद्गुरु रामभद्राचार्य और विख्यात वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंस इसके उदाहरण हैं। उन्होंने कहा कि आज इस प्रदर्शनी का उद्घाटन कर उन्हें दिव्यांगजन की प्रतिभा को और नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि उत्तर प्रदेश ईश्वर के अवतरण की भूमि है। संभवतः यह देश का पहला राज्य है जहां सरकार के स्तर पर दो विश्वविद्यालय संचालित हैं। एक डॉ शकुंतला मिश्र पुनर्वास विश्वविद्यालय लखनऊ में और दूसरा जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग विश्वविद्यालय चित्रकूट में। सरकार के स्तर पर अनेक ऐसे कार्य शुरू किए गए हैं, जिनसे दिव्यांगजन का कल्याण हो, वे समर्थ और सशक्त बनें।
उन्होंने कहा कि वे प्रायः किसी न किसी दिव्यांगजन संस्थान का भ्रमण-निरीक्षण करते रहते हैं। गत दिनों उन्होंने गोरखपुर में मूक बधिर विद्यालय का निरीक्षण किया था। उसके पहले दृष्टिबाधित विद्यालय का जायजा लिया था। इन संस्थाओं में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने, शिक्षकों की कमी दूर करने तथा दिव्यांगजन को तकनीक से जोड़कर उन्हें और सक्षम बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
और बढ़ाएंगे दिव्यांगजन की पेंशन
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में यूपी में 10.40 लाख दिव्यांगजन को प्रतिमाह एक हजार रुपये की पेंशन दी जा रही है। पहले यह धनराशि तीन सौ रुपये थी जिसे बढ़ाकर एक हजार किया गया। आने वाले समय में इसे और बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोई भी दिव्यांगजन राशन कार्ड, आवास, पेंशन और शिक्षा से वंचित न रहे, इसके लिए अभियान चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ स्कूल जाने वाले सभी दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 11 हजार से अधिक लोग प्रतिमाह तीन हजार रुपये कुष्ठावस्था पेंशन प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत अनिवार्य रूप से आवास की सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। 15.53 लाख दिव्यांगजन आयुष्मान योजना में कवर किए गए हैं। सरकार कॉक्लियर इम्प्लांट के लिए छह लाख रुपये दे रही है। दिव्यांगजन के लिए प्रदेश में 21 विशेष विद्यालय, 18 बचपन डे केयर सेंटर, तीन मानसिक मंदित आश्रय गृह भी संचालित हैं।
दिव्यांगजन के सशक्त होने से समर्थ बनेगा समाज
सीएम योगी (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने विकलांग शब्द की छुट्टी कर दिव्यांगजन शब्द दिया है क्योंकि इनके अंदर ईश्वर से विशिष्ट शक्ति निहित होती है। दिव्यांगजन की उपेक्षा नहीं की जानी चाहिए बल्कि उनके लिए सम्मान और स्वावलंबन का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। दिव्यांगजन स्वावलंबी और सशक्त होंगे तो पूरा समाज समर्थ बनेगा।
उन्होंने कहा कि डबल इंजन की सरकार दिव्यांगजन, निराश्रित और उपेक्षित लोगों के सम्मान और स्वावलंबन के लिए संकल्पित भाव से कार्य कर रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को अयोध्या में हुए भगवान श्रीरामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की बधाई भी दी।