पटना। बिहार में सीतामढ़ी जिले के पुनौरा धाम में भव्य मां जानकी मंदिर का डिजाइन फाइनल हो गया है। मुख्यमंत्री नीतीश ने रविवार को स्वयं एक्स पर इसकी जानकारी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सुबह सुबह बताया कि मां जानकी मंदिर का डिजाइन फाइनल हो गया है और अयोध्या राम मंदिर की तर्ज पर ही मां जानकी मंदिर का निर्माण होगा। मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही अपने सोशल मीडिया पर फाइनल डिजाइन की तस्वीरें भी साझा की हैं।

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मुख्यमंत्री नीतीश ने कहा, “मुझे बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि जगत जननी मां जानकी की जन्मस्थली पुनौराधाम, सीतामढ़ी को समग्र रूप से विकसित किए जाने के लिए भव्य मंदिर सहित अन्य संरचनाओं का डिजाइन अब तैयार हो गया है, जिसे आपके साथ साझा किया जा रहा है। इसके लिए एक ट्रस्ट का भी गठन कर दिया गया है ताकि निर्माण कार्य में तेजी आ सके। हमलोग पुनौराधाम, सीतामढ़ी में भव्य मंदिर निर्माण शीघ्र पूरा कराने के लिए कृतसंकल्पित हैं। पुनौराधाम में मां जानकी के भव्य मंदिर का निर्माण हम सभी बिहारवासियों के लिए गौरव और सौभाग्य की बात है”।
मिथिला की पुण्य भूमि सीतामढ़ी में स्थित पुनौराधाम को माता सीता की जन्मस्थली माना जाता है। बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में स्थित जानकी जन्मभूमि मंदिर को श्रद्धालु पुनौराधाम के नाम से भी जानते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं त्रेता युग में राजा जनक के खेत जोतने के दौरान माता सीता धरती से प्रकट हुई थीं।
मिथिला की पावन कथा से जुड़ा इतिहास-पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वैशाख शुक्ल नवमी को जब मिथिला के राजा जनक बारिश की कामना में हल चला रहे थे, तभी उनका हल एक मिट्टी के बर्तन या कलश से टकराया। उसे बाहर निकालने पर एक कन्या शिशु प्राप्त हुई। जिसे उन्होंने सीता नाम दिया। इसी कारण यह स्थान हिंदू धर्म में विशेष पवित्रता और आस्था का केंद्र है। कालांतर में इसी पावन स्थल के नाम पर नगर का नाम सीतामड़ई, फिर सीतामही और अंततः सीतामढ़ी पड़ा।
प्रमुख धार्मिक स्थल-सीतामढ़ी के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। हलेश्वर स्थान जो भगवान शिव को समर्पित मंदिर है। मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण स्वयं राजा जनक ने करवाया था। यह स्थान श्रद्धालुओं और पर्यटकों दोनों के लिए आस्था और ऐतिहासिकता का संगम है।
120 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण के लिए स्वीकृत-जानकी जन्मभूमि मंदिर को वैश्विक धार्मिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से बिहार सरकार ने 120 करोड़ रुपये भूमि अधिग्रहण और 72 करोड़ रुपये मंदिर क्षेत्र के विकास के लिए स्वीकृत किए हैं। राज्य सरकार की यह महत्त्वाकांक्षी योजना मंदिर के आसपास पर्यटकों के लिए आधुनिक सुविधाएं और बुनियादी ढांचा विकसित करने पर केंद्रित है।
मंदिर क्षेत्र के विस्तारीकरण और सुविधाओं के विस्तार के लिए 50.5 एकड़ भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। संबंधित विभागीय टीम ने जमीन का भौतिक निरीक्षण पूरा कर लिया है और जिलाधिकारी कार्यालय ने विस्तृत रिपोर्ट पर्यटन निदेशालय को भेज दी है।


