कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली का त्योहार देश और दुनियाभर में मनाया जाता है। दिवाली हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसी दिन भगवान राम 14 वर्ष के वनवास के बाद वापिस अयोध्या लौटे थे।
इस साल दिवाली की तिथि को लेकर असमंजस हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इस बार दिवाली 20 अक्टूबर को मनाई जाएगी तो वहीं कुछ लोग 21 अक्टूबर को दिवाली की तारीख बता रहे हैं।
यह भी पढ़े : रांची में आयोजित आदिवासी हुंकार रैली में शामिल होने पहुंचने लगे लोग
देश के कुछ खास ज्योतिर्विदों ने दिवाली सही तारीख और लक्ष्मी-गणेश पूजन का मुहूर्त बताया है। ज्योतिर्विदों के मुताबिक दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस बार कार्तिक अमावस्या तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर को दोपहर 3 बजकर 44 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर को शाम 5 बजकर 55 मिनट पर होगा। यही कारण है कि अमावस्या की तिथि के अनुसार कुछ विद्वान दिवाली 20 अक्टूबर को मनाने की सलाह दे रहे हैं तो वहीं कुछ 21 अक्टूबर को दिवाली मनाने की बात कह रहे हैं।
विद्वानों के मुताबिक, दिवाली की प्रदोष काल व्यापिनी तिथि 20 अक्टूबर को आ रही है। वहीं, 21 अक्टूबर को तीन प्रहर से अधिक अमावस्या और साढ़े तीन प्रहर से अधिक प्रतिपदा होने के कारण उस दिन लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त उपलब्ध नहीं हो रहा है। इसी कारण, 20 अक्टूबर को ही दीपावली का पर्व मनाया जाएगा।
लक्ष्मी गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त
इस साल दिवाली पर पूजन के लिए दो मुहूर्त मिलेंगे। पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल में है। इस दिन प्रदोष काल शाम 05 बजकर 46 मिनट से रात्रि 08 बजकर 18 मिनट के बीच तक है, जिसमें वृषभ काल शाम 7 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 03 मिनट तक रहेगा। इसमें भी मां लक्ष्मी का पूजन किया जा सकता है। इसके अलावा, लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे खास शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 08 मिनट से शाम 08 बजकर 18 मिनट के बीच का है।
पूजन विधि
दिवाली पर पूर्व दिशा या ईशान कोण में एक चौकी रखें। चौकी पर लाल या गुलाबी वस्त्र बिछाएं। पहले गणेश जी की मूर्ति रखें। फिर उनके दाहिने ओर लक्ष्मी जी को रखें। आसन पर बैठें और अपने चारों ओर जल छिड़क लें। इसके बाद संकल्प लेकर पूजा आरम्भ करें। एक मुखी घी का दीपक जलाएं. फिर मां लक्ष्मी और भगवान गणेश को फूल और मिठाइयां चढ़ायें। सबसे पहले गणेश और फिर मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। अंत में आरती करें और शंख ध्वनि करें। घर में दीपक जलाने से पहले थाल में पांच दीपक रखकर फूल आदि अर्पित करें। इसके बाद घर के अलग-अलग हिस्सों में दीपक रखना शुरू करें। दीपावली का पूजन लाल, पीले या चमकदार रंग के वस्त्र धारण करके करें। काले, भूरे या नीले रंग से परहेज करे।
दीपावली का महत्व
दीपावली के दिन भगवान राम लंका पर विजय प्राप्त करके वापस अयोध्या आए थे। इस दिन से हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली मनाई जाती है। दिवाली पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की जाती है, साथ ही भगवान राम के आने की खुशी में दीप जलाए जाते हैं।