खूंटी, ।
सेवा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मुरहू प्रखंड कोजड़ोंग गांव में कराई गई लेमनग्रास की खेती के बाद चुलाई शराब बनाने की पद्धति से तेल निकालने और स्थानीय स्तर पर लगाये गए आसवन केंद्र की तकनीक को अब पूरा राज्य अपनाएगा। तेल निकालने की इन पद्यतियों को देखने शनिवार को जेएसएलपीएस की महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना के स्टेट प्रोग्राम मैनेजर खालिद हुसैन कोजड़ोंग पहुंचे। उन्होंने दो जनजातीय किसानों चाड़ा मुंडा और सनिका पाहन की इस तकनीक की काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि इन दोनो भाइयों, सेवा वेलफेयर सोसाईटी के प्रतिनिधि समेत खूंटी के आधा दर्जन लोगों को तकनीक को और धारदार बनाने के लिए लखनऊ भेजा जाएगा, जहां वे वैज्ञानिकों से तकनीक को और बेहतर बनाना सीखेंगे।
उन्होंने कहा कि लेमनग्रास की खेती की अभी शुरूआत हुई है। इसके पौधे पहले लखनऊ से मंगाये जाते थे, लेकिन अब पौधों के मामले में झारखंड आत्मनिर्भर बन गया है। उन्होंने बताया कि यूपी और साऊथ के किसान कई दशक से लेमनग्रास की खेती करते आ रहे हैं। वे अब आत्मनिर्भर हो गए हैं और स्वयं का आसवन केंद्र स्थापित कर लेमन ऑयल निकालने का काम करने लगे हैं। उन्होंने कहा कि जब आसवन केंद्र स्थानीय स्तर पर बनेगाए तो कीमत होगी और ज्यादा से ज्यादा किसान इसकी स्वंय खरीदारी कर सकेंगे। इसके लिए जेएसएलपीएस किसानों की भरपूर मदद करेगा। उन्होंने कहा कि इसके बाद खूंटी में गुलाब जल बनाया जाएगा। औषधीय और सगंध पौधों में तुलसीए मेंथाए पामारोजाए जेरेनियम आदि को भी बढ़ावा दिया जाएगा।