दमोह। बीएसपी विधायक रामबाई राजनीति से ब्रेक लेकर 10वीं बोर्ड की परीक्षा दे रही हैं। रामबाई मध्यप्रदेश के दमोह जिले के पथरिया से विधायक हैं। मध्यप्रदेश में सियासी ड्रामे के दौरान रामबाई खूब सुर्खियों में रही थीं। मार्च में उन्हें गुरुग्राम के एक होटल से कांग्रेस नेता कथित रूप से मुक्त करा कर ले आए थे। रामबाई को पहले कांग्रेस और फिर बीजेपी सरकार में मंत्री पद की उम्मीद थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ऐसे में रामबाई इन दिनों अपनी शैक्षणिक योग्यता सुधारने में लगी हैं।
विधायक रामबाई ने कहा कि उनकी बेटी मेघा परिहार दिल्ली यूनिवर्सिटी से इतिहास में स्नातक कर रही है। वहीं हमारी मेंटर है। रामबाई अभी तक 3 पेपर दिए हैं। रविवार को वह प्रैक्टिल देंगी। रामबाई ने कहा कि अभी मैं अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर रही हूं।
रामबाई की बेटी मेघा परिहार ने कहा कि मां साइंस में कमजोर है और फॉर्म्युले पर वह कंफ्यूज हो जाती हैं। उनकी अंग्रेजी ठीक है और हिंदी बहुत अच्छी है। मेघा दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी भी करती है और आईएएस बनान चाहती हैं। रामबाई ने कहा कि मैं मिडिल स्कूल ड्रॉपआउट हूं।
विधायक रामबाई ने कहा कि दमोह जिले के खोजखेड़ी सिमरी गांव में कोई स्कूल न होने के कारण मैं आगे की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाई। मुझे लंबी दूरी तय करने के बाद स्कूल जाने के लिए नदी पार करनी पड़ती थी, इसलिए मैंने पढ़ाई छोड़ दी।
दमोह में शिक्षा विभाग के सहायक निदेशक पीपी सिंह ने कहा कि यह परीक्षा वैसे लोगों के लिए आयोजित की जाती है, जिन्होंने कुछ वजहों से पढ़ाई छोड़ दी है। साथ ही वह रेगुलर छात्र के रूप में एडमिशन लेने में सक्षम नहीं हैं। इसमें अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कोई भी शामिल हो सकता है। इसके सिलेबस भी दूसरी परीक्षाओं की तरह आसान होते हैं।
मेघा ने बताया कि उनकी मां के पास नए विचारों की बहुत अच्छी समझ है। मेरे पिता और मैंने उन्हें प्रेरित किया और परीक्षा में बैठने के लिए मना लिया। शुरुआत में वह संकोच कर रही थीं, लेकिन बाद में वह आश्वस्त थी।