भोपाल मध्यप्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग ने पर्वतारोही मेघा परमार को ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ के ब्रांड एंबेसडर के दायित्व से मुक्त कर दिया है। महिला एवं बाल विकास विभाग ने उन्हें हटाने के आदेश जारी कर दिए है। मेघा को कमल नाथ सरकार ने 13 अगस्त 2019 में यह जिम्मेदारी सौंपी थी। वहीं दो दिन पहले छिंदवाड़ा में कांग्रेस के ‘नारी सम्मान योजना’ समारोह के मंच पर मेघा ने कांग्रेस की सदस्यता ली थी।
बुधवार देर रात को मध्य प्रदेश के महिला और बाल विकास अपर संचालक राजपाल कोर के हस्ताक्षर से आदेश जारी किया गया। इसमें बताया गया कि और महिला और बाल विकास द्वारा जारी बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजनांतर्गत ब्रांड एम्बेसडर/जेंडर चैम्पियंस के दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके पहले जो भी ब्रांड एम्बेसडर/जेंडर चैम्पियंस बनाए गये हैं, उन्हें उनके कार्य दायित्व से तत्काल मुक्त किया जाता है। इसी क्रम में विभाग द्वारा बनाई गई ब्रांड एम्बेसडर मेघा परमार को भी इस दायित्व से मुक्त किया जाता है। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की ब्रांड एम्बेसडर बनने के बाद से पर्वतारोही मेघा परमार पूरे राज्य में बड़ी ही तेजी से सक्रिय हुई थीं। अपनी गृह विधानसभा क्षेत्र में भी वो बीते छह-सात महीने से ज्यादा ही सक्रिय हो गई थीं। कयास लगाए जा रहे थे कि मेघा परमार राजनीति में कदम रखेंगी। मेघा परमार ने भी राजनीति के जानकारों के कयासों पर मुहर लगाते हुए कांग्रेस की सदस्यता ले ली। बीते मंगलवार को ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पर्वतारोही मेघा परमार के लिए कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी। तब मेघा परमार ने कमलनाथ को श्रेय देते हुए कहा था कि कमलनाथ नहीं होते तो शायद मैं माउंट एवरेस्ट फतह नहीं कर पाती। उन्हीं की वजह से मुझे यह सफलता मिली है। उन्होंने ही किसान की बेटी को ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान की ब्रांड एंबेसडर बनाया।