New Delhi : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय वायु सेना को मणिपुर में हवाई अभियान चलाकर अफीम के अवैध बागानों को नष्ट करने का निर्देश दिया है। राज्य में अफीम की अवैध खेती को हिंसा का मुख्य कारण मानते हुए इस समय म्यांमार की सीमा से लगे मणिपुर के दक्षिणी हिस्सों में अक्टूबर के अंत तक कई एकड़ में अफीम के अवैध पौधों को नष्ट करने का अभियान चलाया जा रहा है। दूर-दराज के इलाकों में रसायनों का छिड़काव करने के लिए ड्रोन की भी मदद ली जा रही है। दरअसल, मणिपुर 1,640 किलोमीटर लंबी भारत-म्यांमार सीमा का 400 किलोमीटर हिस्सा साझा करता है। इस 400 किलोमीटर लंबी सीमा के केवल 10 प्रतिशत हिस्से पर ही बाड़ लगाई गई है, जिससे यह ‘गोल्डन ट्राईएंगल’ म्यांमार, लाओस और थाईलैंड के त्रि-जंक्शन से पूर्वोत्तर भारत में मादक पदार्थों की तस्करी के लिए रास्ता खुला है।
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इस सीमा क्षेत्र में पिछले कई महीने से चल रही जातीय हिंसा का सीधा संबंध अफीम की खेती और मादक पदार्थों की तस्करी से है।
मणिपुर की विशेष एंटी-ड्रग्स यूनिट नारकोटिक्स एंड अफेयर्स आॅफ बॉर्डर (एनएबी) के आंकड़ों से पता चलता है कि सरकार ने 2017 से 2023 तक 18,664 एकड़ अफीम बागानों को नष्ट किया है। 2017-2022 में पांच साल के दौरान लगभग 14,359.4 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की गई थी। इसी तरह 2022-23 में अब तक 4305 एकड़ अफीम की खेती नष्ट की जा चुकी है। अकेले 2022 में 3517.8 एकड़ में लगी अवैध अफीम की खेती को नष्ट किया जा चुका है। इस वर्ष मार्च तक 787.3 एकड़ अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई। 2020 से अब तक 16 ग्राम प्रधानों, 62 अवैध अफीम की खेती करने वालों और 2 निवेशकों सहित 80 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।