लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेसिक, माध्यमिक, उच्च तथा व्यावसायिक शिक्षा के विद्यालयों को साधन-सुविधा सम्पन्न बनाने बनाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने पर बल दिया है। उन्होंने शुक्रवार को यहां कहा कि आकांक्षात्मक जनपदों में संचालित सभी शिक्षण संस्थानों में प्राथमिकता के साथ पर्याप्त शिक्षकों की तैनाती की जाए। कहीं भी शिक्षकों व अन्य मानव संसाधन का अभाव न रहे।
मुख्यमंत्री आज बेसिक, माध्यमिक, उच्च तथा व्यावसायिक शिक्षा विभाग की विशेष बैठक में निर्माणाधीन विद्यालयों, महाविद्यालयों, आईटीआई, पॉलिटेक्निक के अद्यतन स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात को मानक अनुरूप संतुलित करने के निर्देश दिए।
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विशेष बैठक में मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश
● जिला विद्यालय निरीक्षकों की तैनाती में मेरिट का ध्यान रखें। जिन जनपदों में यह पद रिक्त है वहां तत्काल तैनाती की जाए। बेसिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात को मानक अनुरूप संतुलित बनाएं। जहां शिक्षकों की संख्या अधिक हो उन्हें अन्यत्र समायोजित किया जाए।
● कक्षा 06 से 08 तक संचालित 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के उच्चीकरण का कार्य यथाशीघ्र पूरा करा लिया जाए। सत्र 2023-24 में 136 विद्यालयों का उच्चीकरण किया गया है, जबकि 512 नवनिर्माणाधीन का उच्चीकरण जारी है। अवशेष कार्य समयबद्ध रूप से पूरा कराएं। दिसंबर तक यहां शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया भी पूरी कर ली जाए।
● अटल आवासीय विद्यालयों से आच्छादित जनपदों के अतिरिक्त शेष 57 जनपदों में एक-एक ‘मुख्यमंत्री मॉडल कम्पोजिट विद्यालय’ की स्थापना की तैयारी प्रारंभ करें। इस विद्यालय का परिसर 5-10 एकड़ का हो। इसके लिए संबंधित जनपदों में भूमि का चिन्हांकन यथाशीघ्र पूरा करें।
● प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा बेसिक शिक्षा में व्यापक सुधार के उद्देश्य से ‘पीएम श्री’ (प्रधानमंत्री स्कूल्स फ़ॉर राइजिंग इंडिया) योजना की घोषणा की गई है। योजना अंतर्गत भारत सरकार के सहयोग से प्रदेश के 1725 शासकीय विद्यालयों का चयन किया गया है। प्रथम चरण में विकास के लिए चयनित 925 शासकीय विद्यालयों के चरणबद्ध उच्चीकरण के लिए भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी आवश्यक निर्माण कार्य आगामी दिसंबर तक पूरा करा लिया जाए।
● पीएम श्री के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति के सिद्धांतों के अनुरूप चरणबद्ध रूप से इन विद्यालयों में अल्ट्रा मॉडर्न तकनीकी व डिजिटल शिक्षा व्यवस्था का विकास किया जाना है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, आइसीटी लैब, लैंग्वेज लैब, विज्ञान प्रयोगशाला, अटल टिंकरिंग लैब स्थापित होंगे, साथ ही सोलर पैनल, एलईडी लाइटिंग, ऊर्जा कुशल संसाधन, पोषण वाटिका, वेस्ट मैनेजमेंट, जल संरक्षण आदि के माध्यम से इन्हें ग्रीन स्कूल के रूप में विकसित किया जाएगा। स्किल हब सेंटर का विकास होगा। इससे प्रदेश के बच्चों को अच्छी सुविधा सुलभ कराने में बड़ी सहायता मिलेगी।
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● गोरखपुर में निर्माणाधीन प्रदेश के चौथे सैनिक स्कूल का निर्माणकार्य दिसंबर तक पूर्ण करा लिया जाए। दिसम्बर में प्रवेश परीक्षा सम्पन्न कराते हुए सत्र 2024-25 से इसका संचालन किया जाना है।
● प्रत्येक संस्थान में समय से सत्र की शुरुआत और समय पर परीक्षा का होना सुनिश्चित होना चाहिए। ऐसे में आगामी सत्र 2024-25 के लिए आवश्यक तैयारियां कर ली जानी चाहिए। सभी बेसिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में पाठ्य पुस्तक वितरण फ़रवरी 2024 तक पूर्ण किया जाए। डीबीटी के माध्यम से सभी छात्रों को यूनिफार्म, जूते व स्टेशनरी हेतु धनराशि अप्रैल माह में भेज दी जाए। विद्यालयों में दिसंबर 2023 के पूर्व 2.36 लाख टेबलेट्स का वितरण किया जाना है। इसकी तैयारी कर लें।
● मां शाकुंभरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ और जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया में निर्माणाधीन भवनों व अन्य संसाधनों की उपलब्धता गुणवत्ता के साथ तय समय सीमा के भीतर पूरी कर ली जानी चाहिए।
● देवीपाटन मंडल में माँ पाटेश्वरी देवी राज्य विश्वविद्यालय, विंध्याचल धाम मंडल में माँ विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय और मुरादाबाद मंडल में प्रस्तावित राज्य विश्वविद्यालय के लिए भूमि चयन प्रक्रिया की औपचारिकताओं को तत्काल पूरा कराते हुए इन विश्वविद्यालयों की स्थापना के संबंध में अधिसूचना जारी करें।