रांची। झारखंड बहुत ही मनमोहक राज्य है। यहां घूमने लायक बहुत सारे खूबसूरत जगह हैं और इन्हीं में से एक है लातेहार जिले का नेतरहाट। नेतरहाट सुहाने मौसम को लेकर झारखंड ही नहीं, बल्कि आसपास के दूसरे प्रदेशों में भी प्रसिद्ध है। समुद्र तल से लगभग 03 हजार 622 फीट की ऊंचाई पर स्थित रहने के कारण यहां का मौसम काफी सुहावना होता है। राज्य को प्रकृति ने खनिज के साथ सुंदर वादियां और जंगलों की खूबसूरत नेमत बख्शी है।
नेतरहाट को क्वीन ऑफ छोटानागपुर या झारखंड की रानी के नाम से भी जाना जाता है। झारखंड का हिल स्टेशन है नेतरहाट। यहां मई और जून की गर्मियों में बसंत का एहसास होता है। बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, ओडिशा समेत अन्य प्रदेशों के पर्यटक बड़ी संख्या में यहां घूमने आते हैं। नवंबर से लेकर जून महीने तक यहां पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है।
नेतरहाट में एक होटल के संचालक राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि नेतरहाट में वर्षभर मौसम ठंडा ही रहता है। उन्होंने कहा कि पर्यटक जब भी यहां आए तो अपने साथ कुछ न कुछ गर्म कपड़े जरूर लाएं। क्योंकि, यहां का मौसम कब बदल जाए, यह कोई नहीं जानता। होटल मैनेजर प्रदीप कुमार बताते हैं कि नेतरहाट में पर्यटकों की भीड़ लगती है कि यहां होटल में जगह मिलना भी मुश्किल हो जाता है। इसीलिए यहां आने से पहले पर्यटक होटल की बुकिंग करा लेते हैं।
नेतरहाट में सुहाने मौसम के साथ घूमने के भी कई स्थान हैं, जो पूरी तरह से प्राकृतिक हैं। यहां का सनराइज प्वाइंट कोयल व्यू, सनसेट प्वाइंट मैगनोलिया, अपर घघरी, लोअर घघरी, नेतरहाट आवासीय विद्यालय, नाशपाती बागान, नेतरहाट डैम समेत कई अन्य स्थान हैं, जहां पर्यटकों की भीड़ लगती है। नेतरहाट में छोटा सा बाजार भी है, जहां जरूरत का सामान मिल जाता है।
नेतरहाट जाने का मार्ग
नेतरहाट जाने का माध्यम सड़क मार्ग है। रांची से नेतरहाट की दूरी लगभग 165 किमी है। रांची से लोहरदगा-घाघरा-बनारी होते हुए नेतरहाट पहुंचा जा सकता है। लातेहार जिला मुख्यालय से नेतरहाट की दूरी 80 किलोमीटर है। लातेहार से सरयू होते हुए नेतरहाट पहुंचा जा सकता है। पलामू से नेतरहाट की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। पलामू से बेतला-गारू-कोटाम या महुआडांड़ होते हुए नेतरहाट पहुंचा जा सकता है।
नेतरहाट आने वाले पर्यटकों को थोड़ी सावधानी भी बरतनी पड़ती है। बनारी से नेतरहाट आने के दौरान लगभग 20 किलोमीटर तक गहरी घाटियां मिलती हैं। इस दौरान वाहन चालकों को सतर्कता से वाहन चलाना होता है। घाटियों में वाहन चलाने के दौरान एक्सपर्ट ड्राइवर को ही गाड़ी चलानी चाहिए। नेतरहाट में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम हैं। यहां लूट और अन्य आपराधिक घटनाओं का डर नहीं के बराबर होता है। नेतरहाट में थाना भी स्थित है। जंगल वार फेयर स्कूल भी यहां संचालित है। पुलिस ने यहां सुरक्षा की व्यापक व्यवस्था की है।