डिप्रेशन के कारण 2012 में वह घर छोड़ कर भटकते-भटकते राजस्थान पहुंच गयी थी
रांची। साल 2020 जाते-जाते पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को खुशखबरी दे गया। सात साल से बिछड़ी बहन रविवार को परिवार से मिल गयी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बाबूलाल मरांडी की छोटी बहन मैसूनी देवी 2000 से ही डिप्रेशन और मानसिक बीमारी से ग्रसित थी। रांची में उसका इलाज चल रहा था, इस बीच 2012 में वह घर से चुपचाप निकल गयी और परिवार से बिछड़ कर भटकते-भटकते राजस्थान पहुंच गयी। राजस्थान के भरतपुर के खोहडीग भटकते देख मई 2018 में उसे अपना घर आश्रम बझेरा लाया गया। जहां इलाज के बाद वह स्वस्थ हो गयी और उसने बताया कि वह बाबूलाल मरांडी की बहन हैं। इसकी सूचना अपना घर आश्रम के संस्थापक बीएम भारद्वाज ने बाबूलाल मरांडी को दी। जिसके बाद बाबूलाल मरांडी के छोटे भाई नूनूलाल मरांडी और उनके बेटे सुलेमान भरतपुर गये और मैसूनी देवी को लेकर वापस लौट रहे है।
मैसूनी देवी की शादी गिरिडीह के तिसरी प्रखंड में ही हुई थी, उनके पति भी किसान है और उन्हें 3 बेटा और 2 बेटी है। सभी फिर से उनके मिलने की उम्मीद छोड़ चुके थे, लेकिन जब आश्रम के सचिव भूदेव शर्मा की ओर से परिजनों को सूचना दी गयी, तो घर में एक बार फिर खुशियां लौट आयी है।
स्वस्थ हो चुकी मैसूनी देवी ने बताया कि वह कई वर्षां तक सड़कों पर भटकती रही, इस दौरान सड़क पर कुत्तों ने भी उन्हें काटा, जिसके बाद उन्हें किसी ने आश्रम लाकर छोड़ दिया। उस वक्त उसकी दिमागी हालात ठीक नहीं थी, लेकिन इलाज और दवा खाने बाद वह अब पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी है। उन्होंने कहा कि वह चिकित्सकों के परामर्श से लगातार दवा लेती रहेगी।
गौरतलब है कि गिरिडीह जिले के कोदाईबांक गांव में किसान छोटे लाल मरांडी और उनकी पत्नी मीना मुर्मू के छह बच्चे है। जिसमें चार बेटा और दो बेटी है। बड़े पुत्र बाबूलाल मरांडी राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री रहे। और अब उनकी छोटी बहन मैसूनी देवी भी घर वापस लौट आयी है।
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