देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी(Pushkar Singh Dhami) ने मुख्यमंत्री आवास सभागार में उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत छात्रों और युवाओं के कौशल विकास के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की गौरव योजना और मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना व शोध अनुदान वितरण कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं से उच्च शिक्षा में शोध को एक नई दिशा मिलेगी।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे राज्य के युवाओं के कौशल संवर्धन और उनको प्लेसमेंट देने के लिये उच्च शिक्षा विभाग की ओर से नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ गौरव योजना के लिए एमओयू भी हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शोधार्थियों के शोध और नवाचार से हमारे राज्य और समाज को एक नयी दृष्टि मिलेगी और हमारे उच्च शिक्षण संस्थाओं का गुणात्मक विकास होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड छोटा राज्य होने के बाद भी विभिन्न क्षेत्रों में नित नए मापदण्ड स्थापित कर रहा है। विगत कुछ वर्षों में राज्य के उच्च शिक्षा के गुणात्मक विकास के लिए अनेक योजनाओं के माध्यम से सरकार की ओर से निरन्तर अभिनव प्रयास किए गए हैं। इन्हीं प्रयासों की श्रृंखला में राज्य की महत्वाकांक्षी योजना “मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना“ की शुरुआत की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड छोटा राज्य होने के बाद भी देश का ऐसा राज्य है, जो शोध को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार का शोध अनुदान शिक्षकों और शोधार्थियों को प्रदान कर रहा है। निश्चित रूप से उच्च गुणवत्ता के शोध द्वारा न सिर्फ संबंधित व्यक्ति और संस्थान की पहचान स्थापित होती है बल्कि मानवता के लिए नए अवसरों और विकल्पों की तलाश हो पाती है। शोध किसी राज्य की सीमा से परे संपूर्ण विश्व के लिए सहायक होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अनेक विकासात्मक कार्य हो रहे हैं। विकसित भारत के लिये यह अमृत काल है। विकसित भारत बनाना 140 करोड़ देशवासियों का संकल्प है और जिसकी जहां पर जो भी जिम्मेदारी है, उसे पूर्ण कर, संकल्प की सिद्धि में सहभागी बनें, निश्चित ही देश विश्व गुरू के पद पर आरूढ़ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मुम्बई रोड शो के दौरान नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ हुआ हमारा समझौता एक गेमचेंजर साबित होने जा रहा है। इस प्रयास को और अधिक पुष्ट और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से उच्च शिक्षा विभाग द्वारा नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के साथ आज एक एमओयू भी किया गया है, जो बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में बढ़ रही संभावनाओं का सही उपयोग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2025 तक इस क्षेत्र में पांच गुना विस्तार की संभावनाएं हैं और एनएसई के सहयोग से हम उच्च शिक्षा में अध्ययनरत छात्रों सहित अन्य युवाओं को इसके लिए उपयुक्त मानव संसाधन के रूप में परिवर्तित कर सकते हैं, जिसके दूरगामी परिणाम दिखेंगे। आजकल शेयर बाजार के माध्यम से निवेश करने की लालसा बढ़ती जा रही है, परंतु इसमें निवेश करने से पहले वित्तीय विश्लेषण और गहन समझ अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस संदर्भ में, उच्च शिक्षा के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के समझौते की एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है, जिसके माध्यम से, छात्रों को अच्छी तरह से वित्तीय ज्ञान प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे अपने निवेश फैसलों को समझेंगे और सावधानीपूर्वक वित्तीय निवेश कर सकेंगे तथा यह समझौता छात्रों को अध्ययन के लिए नवीनतम शिक्षा सामग्री के साथ ही एक सक्षम और जागरूक निवेशकों को तैयार करने में सहायता करेगा।
इस मौके पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड की ओर से उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई नवाचारी प्रयास किये जा रहे हैं, जो राज्य को एक मॉडल के रूप में स्थापित कर रहे हैं। इन्हीं प्रयासों की श्रृंखला में राज्य की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना की शुरुआत की जा रही है। उन्होंने एनएसई का उल्लेख करते हुये कहा कि बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में बढ़ रही संभावनाओं का सही उपयोग करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
बताया गया कि उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना एवं शोध अनुदान वितरण के अन्तर्गत प्राप्त हुए 500 शोध प्रस्तावों में से चयनित 44 शोध प्रस्तावों के लिए लगभग तीन करोड़ छियासठ लाख रुपये की शोध अनुदान राशि स्वीकृत की गयी है। इसकी प्रथम किश्त के रूप में लगभग एक करोड़ तिरासी लाख रुपये की अनुदान धनराशि सीधे डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गयी है।