घटना के दोरान बैंक कर्मियों की लापरवाही आयी सामने ।
गिरिडीहः 28 अगस्त बैंक आॅफ इंडिया गिरिडीह की प्रधान शाखा में बुधवार की देर रात करीब 11 बजे भीषण आग लगी। जिस वक्त आग लगी, और जिस मकान में बैंक आॅफ इंडिया का शाखा कार्यरत है। उसी मकान में कई किरायेदार भी रहते है। लिहाजा, बैंक में आग देखने के बाद सारे किरायेदार डर से बाहर निकल गए। मकान में रह रहे लोग अपने बच्चों के साथ बाहर निकल कर भागे। बैंक में लगी आग से नुकसान अधिक होने की आंशका थी, क्योंकि बैंक शाखा के बगल में ही एक लकड़ी मील भी संचालित है। गनीमत यह भी रहा कि बैंक के भीतर आग अधिक दूर तक नहीं फैली। क्योंकि जिस स्थान पर आगलगी, उसके बगल में नगद रखने का स्ट्रांग रुम भी था। लेकिन वक्त रहते अग्निशमन के जवान बैंक शाखा पहुंच कर आग पर काबू पाने में जुट गए। काफी प्रयास के बाद अग्निशमन विभाग के जवानों ने डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया। वैसे आगलगी की घटना के दौरान बैंक कर्मियों की लापरवाही भी सामने आई। अग्निशमन के कर्मी बैंक में लगी आग को सिर्फ एक हिस्से से बुझाने में जुटे हुए थे। बैंक के मुख्य गेट की चाभी घटना के करीब एक घंटे लेट से आयी। जिसेके कारण आग बुझाने में दमकल कर्मियौ को मशक्त करनी पड़ी । स्थिति समान्य होने में भी करीब दो घंटे लगए।
वैसे बैंक शाखा के भीतर आगलगी की घटना का न्यूज कवरेज कर रहे कई पत्रकारों और छायाकारों को घटना के वक्त भीतर के तस्वीर लेने पर बैंक प्रबंधक समेत कर्मियों ने पांबदी लगा दिया। घटना की तस्वीर लेने से बैंक प्रबंधक और कर्मियों ने पांबदी क्यों लगाया? इसका सही जवाब देने से प्रबंधक तो कतराते रहे। लेकिन बैंक के गोपनीयता का हवाला देते हुए कहा कि तस्वीरों से गोपनीयता भंग होगी। जबकि पांबदी लगाने के दौरान भी काफी संख्या में स्थानीय लोगों के साथ पुलिस जवान और अग्निशमन के कर्मी मौजूद थे।
वहीं घटना के दुसरे दिन गुरुवार को बैंक कर्मी जले हुए समानों को बैंक के बाहर निकाल रहे थे। बैंक आॅफ इंडिया के शाखा में आगलगी की घटना में करीब पांच लाख के नुकसान का आकलन शाखा प्रबंधक राजीव कुमार ने करते हुए बताया कि आगलगी की घटना में बैंक के अधिकांश फर्नीचर के साथ कई कंप्यूटर भी जलकर राख हो गए। हालांकि दस्तावेजों के जलने से बैंक प्रबंधक ने इंकार किया है। लेकिन शाखा के जिस स्थान पर आगलगी की घटना हुई है वहां काफी संख्या में कुछ दस्तावेजों के राख पाएं गए। बैंक प्रबंधक ने यह भी बताया कि आगलगी की घटना से हुए नुकसान का सर्वे करने बैंक की टीम रांची से आ रही है। दुसरे दिउन स्थिति देखने गए पत्रकारों को दुबारा न्यूज कवरेज करने पर बैंक कर्मियों ने मना कर दिया। जिसे यह पता नहीं चल पाया कि आगलगी की घटना में जो दस्तावेज जलकर राख हुए है वह कैसे दस्तावेज थे? इधर आगलगी की घटना में जलकर राख हुए बैंक के कई ऐसे कंप्यूटरों के जलने की बात सामने आई है। जिसमें बैंक के जरुरी डाटा अपलोड थे।
प्रत्यक्षदर्शियों में त्रिभुवन दयाल समेत मकान में रह रहे कुछ किरायेदार और निखर होटल के गार्ड अब्दुल ने बताया कि देर रात करीब 11 बजे बैंक के भीतर से धुंआ निकलना शुरु हुआ। इसके बाद वह होटल मालिक को जानकारी दिया। जिस वक्त बैंक में आगलगी, उस वक्त बैंक प्रबंधक अपने परिवार के साथ बैंक शाखा के सामने होटल निखर में पार्टी मना रहे थे। इसकी पुष्टि होटल के कर्मियों ने भी किया।