जीएसटी की नई दरें 1 अगस्त से लागू होंगी
नई दिल्ली. जीएसटी काउंसिल ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12% से घटाकर 5% करने की मंजूरी दे दी है। इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जर पर जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दिया गया है। नई दरें 1 अगस्त से लागू होंगी। इलेक्ट्रिक बस (12 से ज्यादा यात्री क्षमता) किराए से लेने पर स्थानीय निकायों को जीएसटी से छूट मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में शनिवार को हुई जीएसटी काउंसिल की 36वीं बैठक में ये फैसले लिए गए। अथर एनर्जी के सीईओ और फाउंडर तरुण मेहता के मुताबिक इलेक्ट्रिक वाहन और चार्जर पर जीएसटी की दरें घटने से ई-व्हीकल्स की कीमतों में 8,000 से 10,000 रुपए तक कमी आएगी।
2030 तक सड़कों पर 30% इलेक्ट्रिक वाहन होंगे, लेकिन मौजूदा रफ्तार से 6% लक्ष्य पाना भी मुश्किल
देश में ई-व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने जीएसटी घटाने का प्रस्ताव रखा था। इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता भी जीएसटी कम करने की मांग कर रहे थे। सरकार ने बजट में भी ऐलान किया था कि ई-वाहनों के लोन पर 1.5 लाख रुपए तक का ब्याज चुकाने पर आयकर में छूट का लाभ दिया जाएगा।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए और इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में आगे रहने के लिए सरकार चाहती है कि 2023 तक देश में सभी थ्री व्हीलर और 2025 तक सभी टू-व्हीलर इलेक्ट्रिक हों।
अब बैटरी पर जीएसटी घटने का इंतजार: मैन्युफैक्चरर
सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चरर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (एसएमईवी) के डीजी सोहिंदर गिल का कहना है कि जीएसटी काउंसिल के फैसले से इलेक्ट्रिक वाहनों और पेट्रोल-डीजल वाहनों की कीमतों का अंतर कम होगा। इससे इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने का चलन बढ़ेगा। गिल का कहना है कि देश की ई-व्हीकल पॉलिसी में फेम-II स्कीम निराशाजनक थी तो जीएसटी घटाने का फैसला उत्साहजनक है। अब बैटरियों पर जीएसटी 18% से कम होने का इंतजार है। इससे इलेक्ट्रिक वाहनों के परिचालन का खर्च हमेशा के लिए कम रखने में मदद मिलेगी।
ह्युंडई मोटर इंडिया के एमडी और सीईओ एस एस किम ने कहा है कि जीएसटी घटने से इलेक्ट्रिक व्हीकल का ईकोसिस्टम तैयार करने में मदद मिलेगी। इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वालों का भरोसा बढ़ेगा। ह्युंडई ने हाल ही में इलेक्ट्रिक एसयूवी कोना लॉन्च की है। इसकी कीमत 25.3 लाख रुपए है।
जीएसटी काउंसिल के अन्य फैसले
कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुनने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 30 सितंबर की गई।
कंपोजिशन स्कीम वाले कारोबारियों को जून तिमाही के टैक्स की जानकारी देने की समय सीमा 31 जुलाई से बढ़ाकर 31 अगस्त की गई।