रांची। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन के अभिभाषण के साथ सोमवार को झारखंड विधानसभा का बजट सत्र शुरू हो गया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की जमकर तारीफ की और सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने अपने अभिभाषण की शुरुआत हिंदी में की। उन्होंने झारखंड के शहीदों को नमन किया। इसके बाद उन्होंने अपना पूरा भाषण अंग्रेजी में दिया।
राज्यपाल ने कहा कि रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट का विस्तार किया जायेगा। इसके अलावा धनबाद, गुमला और लोहरदगा में नये समाहरणालय के निर्माण की भी बात उन्होंने कही। उन्होंने झारखंड के विधायकों से कहा कि उम्मीद है कि झारखंड के विकास में आप अपनी भूमिका निभायेंगे।
सरकार के दूरदर्शी निर्णय से कोरोना की तीसरी लहर कहर नहीं बन पाई
सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान झारखंड में प्रति व्यक्ति आय 71 हजार रुपये से अधिक थी। बाद में बढ़कर 78 हजार से अधिक हो गयी। यह बताता है कि राज्य की सरकार विकास के लिए काम करती है। राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार के दूरदर्शी एवं सशक्त निर्णयों के कारण कोरोना की तीसरी लहर कहर नहीं बन पाई। सरकार ने जहां कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के सभी संभव उपाय किये, वहीं अर्थव्यवस्था को भी पटरी से नहीं उतारने दिया। सरकार ने जितना काम कोविड रोकथाम, कोविड अनुकूल व्यवहार और अस्पताल प्रबंधन के लिए किया उतना ही काम गरीबों की रोजी रोटी, बच्चों की शिक्षा, युवाओं के रोजगार, विकास के काम और जन कल्याण की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए भी किया। कोरोना महामारी के काल में जहां वर्ष 2020-21 में देश की आर्थिक विकास दर ऋणात्मक (-6.6) प्रतिशत रही, वहीं झारखंड की विकास दर ऋणात्मक (-5.5) प्रतिशत रहा। वर्ष 2021-22 में आर्थिक विकास दर 8.2 प्रतिशत रही है। कोरोना महामारी के काल में झारखंड में प्रति व्यक्ति आय वर्ष 2020-21 में 70,071 रुपये थी जो 2021-22 में बढ़कर 78,660 रुपये हो गयी। उन्होंने कहा कि यह आंकड़े इस बात के द्योतक हैं कि झारखंड विषम परिस्थितियों में भी अपने संकल्पबद्ध प्रयास से सफलता के नए आयामों को स्पर्श करने की क्षमता रखता है।
राज्यपाल ने कहा कि लोकतंत्र की सार्थकता जनता का, जनता के लिए और जनता के द्वारा शासन में निहित है और हमारी सरकार ने इसे सही मायने में चरितार्थ करके दिखाया है। नीति निर्माण से लेकर निर्णय लेने तक और निर्णयों के क्रियान्वयन से लेकर सरकारी योजनाओं की मॉनिटरिंग तक हर क्षेत्र में जनता की भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। राज्य सरकार ने लोक और तंत्र की परस्पर सहभागिता से सरकार के संचालन का एक विशिष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता गरीबों, वंचितों, शोषितों, आदिवासियों, दलितों, पिछड़े, अल्पसंख्यकों, बुजुर्गों, युवाओं, महिलाओं, मजदूरों और किसानों का सर्वांगीण विकास है। झारखंड की अस्मिता, संस्कृति, भाषा और सभ्यता को बढ़ावा देते हुए विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।
सरकार ने 22 जिलों के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया
राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में झारखंड कृषि ऋण माफी योजना शुरू की। इस योजना के तहत 4.5 लाख किसानों के बीच 1727 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया है। 22 जिले के 226 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित कर राहत कार्य शुरू किया गया है। मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के अंतर्गत प्रति परिवार 3500 रुपये की दर से 13 लाख से अधिक किसानों को 461 करोड़ रुपये की राशि हस्तांतरित की है। किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से 6.30 लाख किसानों के बीच 3300 करोड़ रुपये ऋण वितरित किया गया है।
उन्होंने कहा कि पुलिस और नक्सलियों के बीच 30 बार मुठभेड़ हुई। 430 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया। साइबर क्राइम से संबंधित शिकायत दर्ज करने के लिए डेडीकेटेड टोल फ्री नंबर 1930 लागू किया गया है। इसमें अब तक 6789 कॉल रिसीव किये गये। साइबर क्राइम द्वारा ठगे गये 18.41 लाख रुपये को ब्लॉक किया गया।
70 विधायकों के लिए 203 करोड़ से आवास बन रहे
राज्यपाल ने कहा कि 70 विधायकों के लिए 203 करोड़ रुपये से आवास बन रहे हैं। कार्य प्रगति पर है। प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी में झारखंड के लिए 215242 आवास स्वीकृत हैं। इनमें से 96212 आवास बन चुके हैं। 88069 का काम प्रगति पर है। 2022-23 में 54794 निबंधित निर्माण श्रमिकों को 34.77 करोड़ के समतुल्य योजनाओं का लाभ दिया गया।
राष्ट्रगान के वक्त दीर्घा में बैठे रहे पांच अधिकारी
विधानसभा के बजट सत्र को संबोधित करने के लिए राज्यपाल सभा में प्रवेश के बाद आसन ग्रहण किया और उसके बाद राष्ट्रगान शुरू हुआ। राष्ट्रगान के सम्मान में राज्यपाल, मुख्यमंत्री, स्पीकर समेत सभी मंत्री विधायक और आला अधिकारी अपनी-अपनी जगह पर खड़े हो गए। इस दौरान अधिकारी दीर्घा में राज्य प्रशासनिक सेवा के पांच अधिकारी राष्ट्रगान के सम्मान में खड़े नहीं हुए और अपनी जगह पर बैठे रहे। इस बात को राज्यपाल के अभिभाषण से पहले विपक्ष के मुख्य सचेतक बिरंची नारायण ने उठाया और वैसे अधिकारी कर कार्रवाई करने की मांग की।