पूर्णिया। रूपौली विधानसभा क्षेत्र के निर्दलीय विधायक शंकर सिंह ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपते हुए रघुवंशनगर थाना क्षेत्र के नवटोलिया महिखंड गांव में नाबालिग बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म एवं हत्या के मामले में सीआईडी जांच कराने की मांग की है।विधायक शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में कहा है कि 12 फरवरी 2025 को सुबह करीब 10:30 बजे नाबालिग बच्ची घास काटने के लिए मक्के के खेत में गई थी। उसी दौरान दरिंदों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी।विधायक ने बताया कि घटना के बाद शक के आधार पर परिजन ने जिन दो युवकों को आरोपित बताया था, उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
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विधायक ने मुख्यमंत्री को अवगत कराते हुए कहा कि स्थानीय लोगों और ग्रामीणों का कहना है कि जिस दिन युवक को गिरफ्तार किया गया है उस दिन वे दोनों युवक कुर्सेला के पास गंगा और कोसी के संगम स्थल पर माघी पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान और मुंडन संस्कार में शामिल थे। परिजन ने इस संबंध में ठोस प्रमाण भी प्रस्तुत किया है, जिसे पूर्णियाँ के पुलिस अधीक्षक को सौंपा गया है।
इस मामले को लेकर निर्दलीय विधायक की धर्मपत्नी एवं जिला पार्षद प्रतिमा कुमारी ने पूर्णियाँ के पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा से मुलाकात कर पूरे प्रकरण पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने एसपी से आग्रह किया कि दोनों परिजन द्वारा प्रस्तुत प्रमाणों को गंभीरता से लेते हुए मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए ताकि असली दोषियों को कड़ी सजा मिले और निर्दोष व्यक्तियों को न्याय मिल सके।
जिला पार्षद ने एसपी कार्तिकेय शर्मा से कहा इस मामले में निर्दोष युवकों को झूठे आरोप में फंसाया गया है। पीड़ित परिवार के पास ठोस प्रमाण हैं, जिन्हें ध्यान में रखते हुए निष्पक्ष जांच बेहद जरूरी है ताकि असली गुनहगारों को फांसी की सजा दिलाई जा सके।
विधायक शंकर सिंह ने कहा यह घटना बेहद शर्मनाक और अमानवीय है। नाबालिग बच्ची को न्याय दिलाना समाज के हित में आवश्यक है। साथ ही निर्दोष युवकों को झूठे आरोप में जेल में रखना न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। इस मामले में हम हर स्तर पर संघर्ष करेंगे ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिल सके। विधायक और उनकी धर्मपत्नी ने मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया कि इस मामले में शीघ्र निर्णय लेकर दोषियों को कड़ी सजा दिलाई जाए ताकि समाज में अपराधियों के मंसूबे ध्वस्त हों और निर्दोष व्यक्तियों के अधिकारों की रक्षा हो सके।