रांची। रांची, 08 मई (हि.स.)। मुख्य सचिव अलका तिवारी की अध्यक्षता में गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान (DA-JAGUA)” और “प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान (PM-JANMAN)” की राज्य स्तरीय बैठक हुई। बैठक में केन्द्र और राज्य स्तर पर कन्वर्जेन्स एवं परिवार-गांव स्तर पर गैप की पहचान तथा संबंधित मंत्रालय से बजटीय आवंटन की प्राप्ति में तेजी लाने पर बल दिया गया।
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मुख्य संचिव ने कहा कि केंद्र और राज्य स्तर पर समनवय (convergence) को तेज किया जाए और जिन क्षेत्रों में सुविधाएं कम हैं, उनकी पहचान कर जल्दी काम शुरू किया जाए। उन्होंने संबंधित मंत्रालयों से बजट मिलने की प्रक्रिया में तेजी लाने को भी कहा, ताकि तय समय में लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने सभी विभागों के लिए एक साझा गाइडलाइन तैयार करने और दूसरे राज्यों जैसे – छत्तीसगढ़ और ओडिशा से संपर्क कर अच्छे मॉडल अपनाने के निर्देश भी दिए गए। हर विभाग से कहा गया कि वे भारत सरकार से मिले निर्देशों के अनुसार त्वरित कार्रवाई करें।
मुख्य सचिव ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, जल जीवन मिशन, मेडिकल मोबाइल यूनिट, बिजली ग्रिड, आंगनबाड़ी केंद्र और वन धन विकास केंद्र जैसी योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और सभी विभागों से कहा कि वे केंद्र सरकार से समन्वय बनाकर योजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाएं।
अभियान का उद्देश्य जनजातीय बहुल गांवों और परिवारों को बुनियादी सुविधाएं देकर उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति में सुधार लाना है। झारखंड के 7139 गांवों में रहने वाले करीब 49.76 हजार जनजातीय परिवारों के समग्र विकास के लिए कार्य योजना बनाई गई है।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महाअभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 से आगामी 03 वर्षों के लिए कुल 24,104 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान किया गया है, जिसमें केंद्र का अंश 15,336 करोड़ रुपए और राज्य का अंश 8,768 करोड़ रुपए है। बैठक में मस्तराम मीणा, कृपानंद झा, मनोज कुमार, ए सिद्दिकी, उमाशंकर सिंह, जितेन्द्र सिंह, अबू इमरान सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।