रांची। राज्य में लगातार हो रहे चिकित्सकों पर हमले को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) और झारखंड स्वास्थ्य सेवा संघ (झासा) के संयुक्त आह्वान पर राज्यभर के चिकित्सकों ने बुधवार को स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया है। हालांकि, इमरजेंसी सेवा और इंडोर में भर्ती मरीजों के इलाज को हड़ताल से बाहर रखा गया है।
यह कार्य बहिष्कार गुरुवार की सुबह छह बजे तक रहेगी। एसोसिएशन के सदस्यों ने रिम्स, सदर अस्पताल और निजी अस्पतालों में पहुंचकर ओपीडी को बंद कराया और रिम्स हॉल के समक्ष धरने पर बैठे हैं। आईएमए के सचिव डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि चिकित्सकों पर हो रहे हमले को लेकर पूरे चिकित्सक समाज में आक्रोश है। राज्य में विकट परिस्थिति बन गयी है।
उन्होंने कहा कि हजारीबाग, पेटरवार, गोड्डा, लोहरदगा, गढ़वा और रांची में भी हाल के दिनों में चिकित्सकों के साथ मारपीट की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। हड़ताल करने की हमारी इच्छा नहीं है लेकिन जब सरकार ने चिकित्सकों का सुद नहीं लिया तब मजबूरन हमें ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब 23 राज्यों में मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू है तो फिर झारखंड में क्यों नहीं? डॉ प्रदीप ने कहा कि यदि ऐसी स्थिति बनी रही तो भविष्य में राज्य भर की चिकित्सा व्यवस्था ठप हो जायेगी। इसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी।